जकार्ता: इंडोनेशिया में 7.6 की तीव्रता के भूकंप के आने से कई इमारतों को नुकसान पहुंचने की खबर है। रिपोर्ट्स के मुतबिक, गहरे समुद्र में आए भीषण भूकंप के प्रभाव से पूर्वी इंडोनेशिया में कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। भूकंप इतना भीषण था कि उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में भी इसके झटके महसूस किए गए। इंडोनेशिया की मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान एवं भूभौतिकीय एजेंसी ने 7.6 की तीव्रता के भूकंप के बाद सूनामी की चेतावनी जारी की थी, जिसे 3 घंटे बाद वापस ले लिया गया।
105 किलोमीटर की गहराई में था भूकंप का केंद्र
एजेंसी के प्रमुख द्विकोरिता कर्णावती ने बताया कि भूकंप के बाद समुद्र में कोई बड़ा बदलाव नजर नहीं आया। पापुआ और पूर्वी नुसा तेंगारा प्रांतों सहित कई क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। ‘नेशनल डिजास्टर मिटिगेशन एजेंसी’ को दक्षिण पश्चिम मालुकु के वाटुवे गांव में मकानों और सामुदायिक इमारतों को नुकसान पहुंचने की खबर मिली है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी छोर से 105 किलोमीटर की गहराई में था।
भूकंप का केंद्र गहराई में होने पर कम होता है नुकसान भूकंप का केंद्र गहराई में होने पर उससे सतह पर नुकसान कम होता है, लेकिन इसके झटके अधिक क्षेत्र में महसूस किए जाते हैं। जैसे इसी केस में भूकंप भले ही 7.6 की तीव्रता का था, लेकिन इसका केंद्र 105 किलोमीटर की गहराई में होने के चलते ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। इंडोनेशिया में अक्सर भूकंप आते रहते हैं और यह उस पैसिफिक 'रिंग ऑफ फायर' पर स्थित है जहां की धरती अक्सर हिलती रहती है और ज्वालामुखी विस्फोट होते रहते हैं।
ऑस्ट्रेलिया में भी लोगों ने महसूस किए झटके ‘जियोसाइंस ऑस्ट्रेलिया एजेंसी’ के अनुसार, डार्विन शहर सहित उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में एक हजार से भी ज्यादा लोगों ने
भूकंप के झटके महसूस किए। ‘द जॉइंट ऑस्ट्रेलियन सूनामी वॉर्निंग सेंटर’ के मुताबिक, भूकंप से ऑस्ट्रेलिया की मुख्य भूमि या किसी द्वीप या इलाके को सूनामी का कोई खतरा नहीं है। ऑस्ट्रेलियाई गायिका वैसी ने भी ट्विटर पर भूकंप लिखा कि यह उनके द्वारा महसूस किया गया अब तक का सबसे लंबा भूकंप था। 'हम रात के मध्य में घर से बाहर भाग गए। मैंने कभी इतना लंबा भूकंप महसूस नहीं किया था। यह डरावना था और हम आधी रात को जाग गए थे।'
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