अफगानिस्तान में भूकंप से कांपी धरती, जमींदोज हो गए घर, रिक्टर स्केल पर तीव्रता ने चौंकाया
एक बार फिर भूकंप से अफगानिस्तान की धरती कांपी है। भूकंप के कारण कई घर जमींदोज हो गए। पहले से ही गरीबी से परेशान देश में ऐसी आपदाओं से होने वाला नुकसान परेशानी का सबब बन जाता है।
Earthquake: अफगानिस्तान में एक बार फिर भूकंप की झटके महसूस किए गए। सोमवार तड़के पूर्वी अफगानिस्तान के ऊबड़-खाबड़, पहाड़ी इलाके में 4.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिससे पत्थर और मिट्टी-ईंटों से बने घर जमींदोज हो गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप की तीव्रता: 4.8 थी। भूकंप 28 अगस्त को सुबह 10 बजकर 5 मिनट पर आया। भूकंप की गइराई 173 किलोमीटर नीचे थी। भूकंप से लोग दहशत में आ गए।
इसी महीने की शुरुआत में आया था भूकंप
इससे पहले इसी महीने यानी 6 अगस्त को अफगानिस्तान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। शाम लगभग 6:53 बजे अफगानिस्तान के फायजाबाद के 19 किमी एसएसई में रिक्टर स्केल पर 5.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया था कि इसका केंद्र जमीन से 85 किलोमीटर गहराई में था।
अफगानिस्तान में क्यों आते रहते हैं भूकंप?
अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण अफगानिस्तान में अक्सर तेज भूकंप आते रहते हैं जो भारत और पाकिस्तान में भी महसूस किए जाते हैं। दरअसल, अफगानिस्तान एक ऐसे क्षेत्र में स्थित है जहां कई टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं। इस वजह से यह भूकंपीय गतिविधियों के प्रति संवेदनशील है। यह हिंदकुश पहाड़ी इलाके में स्थित है, जो अल्पाइड बेल्ट (Alpide Belt) का हिस्सा है जो पैसिफिक रिंग ऑफ फायर के बाद भूकंपीय रूप से दुनिया का दूसरा सबसे सक्रिय क्षेत्र है। यह बेल्ट पश्चिम में यूरेशियन और अफ्रीकी प्लेटों और पूर्व में इंडो-ऑस्ट्रेलियाई और यूरेशियन प्लेटों से मिलकर बनी है। जब इन प्लेटों में गतिविधि होती है, ये दबाव और तनाव पैदा करती हैं जिसके परिणामस्वरूप भूकंप आते हैं। यह क्षेत्र इंडियन, यूरेशियन और अरब टेक्टोनिक प्लेटों के बीच की सीमा पर स्थित है। इन प्लेटों के टकराने से भूकंपीय तरंगें पैदा होती हैं, जिसके परिणामस्वरूप भूकंप आते हैं। हिन्दु कुश पर्वत श्रृंखला अफगानिस्तान और पाकिस्तान से होकर गुजरती है।
रिक्टर स्केल और भूकंप की तीव्रता का संबंध?
- 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
- 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है।
- 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
- 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
- 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है।
- 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
- 7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
- 8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
- 9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।