बैंकॉक: म्यांमार में पिछले सप्ताह आए तूफान यागी ने कहर बरपाया है। तूफान की वृजह से भारी बारिश हुई जिसके बाद बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में कम से कम 226 लोगों की मौत हो गई है। 77 लोग लापता बताए जा रहे हैं। सरकारी मीडिया ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी दी है। सरकारी ‘म्यांमा एलिन्न’ की ओर से बताई गई मृतकों की संख्या शुक्रवार को बताए गए शुरुआती आंकड़ों का करीब सात गुना है और ऐसी आशंका है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।
तूफान ने ली जान
बाढ़ के कारण छह लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। गृह युद्ध से प्रभावित म्यांमार में संचार दिक्कतों के चलते हताहतों की संख्या पता लगाने का काम धीमा है। आसियान मानवीय सहायता समन्वय केंद्र के मुताबिक, तूफान यागी ने सबसे पहले वियतनाम, उत्तरी थाईलैंड और लाओस को प्रभावित किया था। वियतनाम में करीब 300, थाईलैंड में 42 और लाओस में चार लोगों की मौत हुई थी।
Image Source : file ap Myanmar Cyclone
भारत ने की मदद
इस बीच यहां यह भी बता दें कि, बाढ़ से प्रभावित म्यांमार की मदद के लिए भारत आगे आया है। केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि सूखा राशन, कपड़े और दवाओं सहित 10 टन सहायता भारतीय नौसैनिक जहाज आईएनएस सतपुड़ा के जरिए म्यांमार भेजी गई है। भारतीय वायु सेना के सी-17 सैन्य परिवहन विमान ने लाओस तक 10 टन राहत सामग्री पहुंचाई है, जबकि वियतनाम को 35 टन सहायता भेजी जा गई है। (एपी)
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