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Hindi News विदेश एशिया देश के इस अनमोल "रतन" को कैसे कहें "टाटा", जिसने दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में बजाया भारत का डंका

देश के इस अनमोल "रतन" को कैसे कहें "टाटा", जिसने दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में बजाया भारत का डंका

अपनी सादगी, ईमानदारी और देश की तरक्की की सोच रखने वाले रतन टाटा के निधन से पूरे भारत में गहरा शोक व्याप्त हो गया है। 86 वर्षीय रतन टाटा के निधन से हर भारतीय सदमे में है। उन्होंने इस कंपनी को दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में विस्तार कर भारत को वैश्विक पहचान दिलाई।

रतन टाटा (फाइल फोटो)- India TV Hindi Image Source : PTI रतन टाटा (फाइल फोटो)

नई दिल्लीः भारत के अनमोल रतन और मशहूर उद्योगपति पद्म विभूषण "रतन टाटा" के निधन से पूरा देश गहरे शोक में हैं। दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में टाटा कंपनी का जाल बिछाकर भारत को वैश्विक पैमाने पर अलग पहचान दिलाने वाले "रतन" को अब "टाटा" (अलविदा) कहते हुए भारतीय के आंखों में भावुकता के आंसू हैं। रतन टाटा भारत के ऐसे महान उद्योगपति रहे, जिन्होंने कंपनी के मुनाफे से ज्यादा तवज्जो देश की तरक्की को दी। उनकी ईमानदारी, समाजसेवा और देश के लोगों के लिए सस्ते और अच्छे उत्पाद उपबल्ध कराने की सोच ने ही रतन टाटा को भारत की आंखों का तारा बना दिया। 

टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा ने विश्व की कई हाई-प्रोफाइल कंपनियों का अधिग्रहण करके इस विशाल भारतीय समूह को वैश्विक मंच पर मजबूती से स्थापित किया। बुधवार देर रात 86 वर्ष की आयु में भारत के यह तारा हमेशा के लिए सो गया। मगर उनकी ख्यातियों का तारा युगों-युगों तक आसमान में जगमगाता रहेगा। रतन टाटा ने बतौर समूह अध्यक्ष के रूप में 20 से अधिक वर्षों इस कंपनी के लिए काम किया। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, "रतन टाटा एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा वाले एक असाधारण इंसान थे। उनका निधन भारत के लिए सबसे " दुखद घड़ी है।"

100 से ज्यादा देशों में फैला टाटा का नेटवर्क

टाटा समूह कंपनी की नींव 1868 में ही रख दी गई थी। वर्तमान में यह कंपनी दुनिया के 100 से अधिक देशों में अपना बिजिनेस कर रही है। नमक से लेकर हवाई जहाज तक टाटा समूह का बिजनेस फैला हुआ है। दुनिया भर में टाटा समूह के 150 से ज्यादा प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां मौजूद हैं, जिन्होंने भारत को विश्व स्तर पर अलग पहचान दिलाई है। टाटा समूह ने वर्ष 2000 में ब्रिटिश चाय कंपनी टेटली को 432 मिलियन डॉलर में और 2007 में एंग्लो-डच स्टील निर्माता कोरस को 13 बिलियन डॉलर में खरीदा था, जो उस समय किसी भारतीय कंपनी द्वारा किसी विदेशी कंपनी का सबसे बड़ा अधिग्रहण था। इसके बाद टाटा मोटर्स ने 2008 में ब्रिटिश लक्जरी ऑटो ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर का फोर्ड मोटर कंपनी (एफएन) से 2.3 बिलियन डॉलर में अधिग्रहण किया। टाटा मोटर्स में उनकी पसंदीदा परियोजनाओं में  भारत में डिजाइन और निर्मित पहली कार मॉडल इंडिका और नैनो थी, जिसे दुनिया की सबसे सस्ती कार कहा जाता है। 

टाटा की प्रमुख कंपनियां

टाटा की प्रमुख कंपनियों में जो शेयर मार्केट में लिस्टेड हैं, उनमें टीसीएस, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाइटन कंपनी, टाटा केमिकल्स, टाटा पॉवर, टाटा इंडियन होटल, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, टाटा कम्युनिकेशन, वोल्टाज लिमिटेड, टीरेंट लिमिटेड, टाटा इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन, टाटा एलक्सी, नेल्को लिमिटेड, टाटा टेक, रालिस इंडिया आदि हैं। रतन टाटा ने 1991 से 2012 तक टाटा ग्रुप की कमान संभाली। इस दौरान उन्होंने अपनी सभी कंपनियों को मुनाफे में पहुंचाया। 

 

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