टोकियोः चीन अपनी घुसपैठ करने की आदतों से बाज नहीं आ रहा है। दूसरे देशों के जल क्षेत्र से लेकर जमीन तक पर चीन की बुरी नजर है। वह दूसरों के क्षेत्र पर अपना कब्जा जमाना चाहता है। ताजा घटना जापान से जुड़ी है। आरोप है कि चीन ने अपनी जहाजों को जापानी समुद्री सीमा में घुसा दिया। इससे हलचल मच गई। जापान की नौसेना ने तब चीनी जहाज का पीछा कर लिया। इसके लिए जापान ने अपने लड़ाकू विमानों और युद्धपोतों को चीनी जहाजों के पीछे लगा दिया। फिर चीन को वापस अपनी सीमा में लौटना पड़ा।
घटना के बाद जापान ने शनिवार को अपनी समुद्री सीमा में एक चीनी सर्वेक्षण पोत के घुसने का आरोप लगाया और इस सिलसिले में यहां चीनी दूतावास के माध्यम से अपना औपचारिक विरोध दर्ज कराया। जापान के विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी। विदेश मंत्रालय ने जापान के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत कागोशिमा में इस जहाज के नजर आने के बाद ‘‘कड़ी चिंता’’ प्रकट की। जापान के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि स्थानीय समयानुसार सुबह छह बजे उसकी समुद्री सीमा में यह चीनी जहाज दिखा जो आठ बजे से कुछ समय पहले वहां से चला गया।
जापान ने अपने लड़ाकू विमानों से रखी चीनी जहाज पर नजर
इस चीनी जहाज पर जापानी सैन्य जहाज एवं विमान की पैनी नजर थी। हाल में, जापानी समुद्री सीमा एवं हवाई क्षेत्र के इर्द-गिर्द चीन की बढ़ती गतिविधि से जापान के रक्षा अधिकारी चिंतित हैं। वे चीन और रूस की वायुसेनाओं के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग से भी चिंतित हैं। चीनी पोत के कथित रूप से जापानी समुद्री सीमा में आने से पहले सोमवार को एक चीनी सैन्य विमान कुछ देर के लिए जापान के दक्षिण-पश्चिमी हवाई क्षेत्र में आ गया था और तब भी जापान ने इस बात पर विरोध दर्ज कराया था।
ऐसा पहली बार है जब जापानी बलों को जापान के हवाई क्षेत्र में चीनी सैन्य विमान नजर आया। चीन के विदेश मंत्रालय लिन जियान ने मंगलवार को कहा कि उनके देश का किसी भी देश के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने का इरादा नहीं है। (एपी)
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