Chinese Rocket Crash: एक बार फिर दुनिया को खतरे में डाल रहा चीन, अंतरिक्ष से गिरेगा उसका 21 टन का रॉकेट, तबाही को लेकर चेतावनी जारी
ऐसी संभावना बहुत कम ही है कि मलब उस स्थान पर गिरे, जहां लोगों की बड़ी आबादी रहती है। लेकिन विशेषज्ञों को चिंता है कि चीन बेवजह दुनिया के लिए खतरा पैदा कर रहा है। चीन ने पिछले हफ्ते हैनान में वेनचांग लॉन्च साइट से एक रॉकेट को लॉन्च किया था।
Highlights
- चीन के रॉकेट में लॉन्च के बाद विस्फोट
- पृथ्वी पर गिर सकता है चीन का रॉकेट
- 21 टन है चीन के विशाल रॉकेट का वजन
Chinese Rocket Crash: चीन आए दिन ऐसी हरकतें कर रहा है, जिससे साबित होता है कि उसने दुनिया को तबाह करने या उसे बार-बार खतरे में डालने की कसम खा ली है। चीन का एक और रॉकेट अब अंतरिक्ष से धरती पर गिर सकता है। जिससे पूरी दुनिया काफी चिंतित है। बीते साल भी ठीक इसी तरह की घटना हुई थी। तब चीन का एक रॉकेट हिंद महासागर में क्रैश हो गया था। उसके मलबे ने पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाया था। अब विशेषज्ञों को चिंता है कि रविवार को चीन द्वारा लॉन्च किया गया 21 टन का मार्च 5बी रॉकेट पृथ्वी के वायुमंडल से टकराने वाला है। हालांकि विशेषज्ञों को लगता है कि यह रॉकेट पृथ्वी में प्रवेश करते ही जल जाएगा। यानी इसका जो भी मलबा होगा, तो वायुमंडल में प्रवेश करते ही विस्फोट होने के बाद राख में तब्दील हो जाएगा। लेकिन उसके टुकड़े धरती पर गिर सकते हैं।
हालांकि उनका ये भी कहना है कि रॉकेट का मलबा पृथ्वी की सतह की तरफ अचानक बढ़ेगा और तेज गति के साथ अज्ञात स्थानों पर गिर जाएगा। ऐसी संभावना बहुत कम ही है कि मलब उस स्थान पर गिरे, जहां लोगों की बड़ी आबादी रहती है। लेकिन विशेषज्ञों को चिंता है कि चीन बेवजह दुनिया के लिए खतरा पैदा कर रहा है। चीन ने पिछले हफ्ते हैनान में वेनचांग लॉन्च साइट से एक रॉकेट को लॉन्च किया था। इस रॉकेट ने एक नई सौर-संचालित प्रयोगशाला के साथ उड़ान भरी, जिसमें वेंटियन प्रयोग मॉड्यूल शामिल था। इसे चीन के तियांगोंग स्पेस स्टेशन जाना था। लेकिन अब पिछले साल मई की ही तरह इस बार भी धरती पर रॉकेट गिरने से हादसे की आशंका जताई जा रही है।
गैर जिम्मेदाराना रवैये का लगा आरोप
अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने चीन पर गैर जिम्मेदाराना रवैये का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि चीन जिम्मेदारी से मानकों का पालन नहीं कर रहा है और अंतरिक्ष मलबे को लेकर बेहद लापरवाह है। उन्होंने कहा कि चीन रॉकेटों के पृथ्वी में दोबारा प्रवेश करने के खतरों को कम करने में सक्षम नहीं है और न ही वह अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम को लेकर पारदर्शी है। बीते साल भी चीन की इसी तरह आलोचना की गई थी। चीन के इस रॉकेट में लॉन्च के समय विस्फोट हो गया था। अब आने वाले दिनों में यह पृथ्वी की परिक्रमा करता रहेगा। इसके कुछ दिन बाद यह पृथ्वी की सतह पर वापस लौट आएगा।
विशेषज्ञों के मुताबिक, उड़ान पथ में कई कठिनाइयां आई थीं, क्योंकि सूर्य की गतिविधियों में परिवर्तन के कारण वातावरण में कई उतार-चढ़ाव देखे गए। विशेषज्ञों के मुताबिक, चीनी रॉकेटों के साथ सबसे बड़ी समस्या उनके लॉन्च होने की प्रक्रिया और उनका डिजाइन है। हालांकि चीन ने अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम में गैर जिम्मेदाराना रवैये वाले आरोपों को खारिज कर दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि रॉकेट के कारण किसी तरह के नुकसान की संभावना बहुत कम हैं।
अंतरिक्ष में पैर पसार रहा है चीन
चीन इस समय अंतरिक्ष में तेजी से अपने पैर पसार रहा है। इससे पहले खबर आई थी कि चीन ने अपने निर्माणाधीन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लैब मॉड्यूल का रविवार को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया है। यह इस साल के अंत तक देश के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष केंद्र का निर्माण पूरा करने की दिशा में नया कदम है। चीन की अंतरिक्ष एजेंसी (सीएमएसए) के अनुसार, दक्षिणी द्वीपीय प्रांत हैनान के तट पर स्थित वेनचांग अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण स्थल से ‘वेन्तियान’ को लेकर ‘लॉन्ग मार्च-5बी वाई3’ रॉकेट रवाना हुआ था। नया मॉड्यूल मूल मॉड्यूल के काम न करने की स्थिति में उसकी जगह काम करेगा और साथ ही तियानगोंग अंतरिक्ष केंद्र में शक्तिशाली वैज्ञानिक प्रयोगशाला के तौर पर भी काम करेगा। चीन अभी इस अंतरिक्ष केंद्र का निर्माण कर रहा है।
सरकारी ‘पीपुल्स डेली’ अखबार की खबर के मुताबिक, चीन लैब मॉड्यूल का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण करने के साथ ही अपने अंतरिक्ष केंद्र का निर्माण जल्द ही पूरा करने वाला है। चीन के ‘तियानगोंग’ अंतरिक्ष केंद्र का निर्माण इस साल तक पूरा होने की संभावना है। इसके बाद यह एकल मॉड्यूल संरचना से तीन मॉड्यूल वाले राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रयोगशाला में बदल जाएगा। इनमें मूल मॉड्यूल तिआन्हे और दो लैब मॉड्यूल वेन्तियान और मेंग्तियान शामिल हैं। सरकारी ‘शिन्हुआ’ समाचार एजेंसी ने बताया कि तिआन्हे मॉड्यूल को अप्रैल 2021 में भेजा गया था और मेंग्तियान मॉड्यूल इस साल अक्टूबर में भेजा जाना है।