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Hindi News विदेश एशिया China Building Military Facility in Cambodia: चीन की नेवी कंबोडिया में गुपचुप बना रही मिलिट्री बेस, बढ़ सकती है भारत की चिंता

China Building Military Facility in Cambodia: चीन की नेवी कंबोडिया में गुपचुप बना रही मिलिट्री बेस, बढ़ सकती है भारत की चिंता

China Building Military Facility in Cambodia: दक्षिण चीन सागर के ठीक पश्चिमी में विशाल नौसैनिक युद्धपोतों को तैनात करने की क्षमता इस इलाके में चीन के प्रभाव बढ़ाने की महत्वाकांक्षा का एक अहम हिस्सा माना जा रहा है।

China Building Military Facility in Cambodia- India TV Hindi Image Source : PTI/AP China Building Military Facility in Cambodia

Highlights

  • इस सैन्य अड्डे का इस्‍तेमाल सिर्फ चीनी नौसेना ही करेगी
  • गुरुवार को यहां पर ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह होने जा रहा है
  • दोनों देशों ने सिर्फ बेस बनाए जाने की खबरों का खंडन किया

China Building Military Facility in Cambodia: दक्षिण चीन सागर से लेकर हिंद महासागर तक नजरे टिकाए बैठा चीन, दक्षिण पूर्वी एशियाई देश कंबोडिया में अपनी नौसेना के लिए गुपचुप तरीके से सैन्‍य अड्डा बना रहा है। इस सैन्य अड्डे का इस्‍तेमाल सिर्फ चीन की नौसेना ही करेगी। ये खुलासा पश्चिमी देशों के अधिकारियों ने किया है। हालांकि, चीन और कंबोडिया दोनों ने ही सिर्फ बेस बनाए जाने की खबरों का खंडन किया है।
 
चीन का विदेश में यह दूसरा नौसैनिक अड्डा

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, थाइलैंड की खाड़ी में कंबोडिया के रेआम नेवल बेस में चीनी नौसेना की उपस्थिति रहेगी। इस सप्‍ताह यहां पर ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह होने जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि कंबोडिया में पीएलए का नौसैनिक अड्डा बनाना चीन की दुनियाभर में सैन्‍य सुविधा केंद्र बनाने की रणनीति का हिस्‍सा है, ताकि एक वास्तविक वैश्विक ताकत बनने के सपने को पूरा किया जा सके। अफ्रीका के जिबूती के बाद यह चीन का विदेश में दूसरा और रणनीतिक रूप से बेहद अहम हिंद प्रशांत क्षेत्र में पहला नौसैनिक अड्डा होगा।

समुद्र में चीनी नौसेना की उपस्थिति होगी मजबूत 

दक्षिण चीन सागर के ठीक पश्चिमी में विशाल नौसैनिक युद्धपोतों को तैनात करने की क्षमता इस इलाके में चीन के प्रभाव बढ़ाने की महत्‍वाकांक्षा का एक अहम हिस्‍सा माना जा रहा है। इससे दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के आस-पास के समुद्र में चीनी नौसेना की उपस्थिति मजबूत होगी। एक पश्चिमी अधिकारी ने कहा, "हमारा अनुमान है कि हिंद-प्रशांत चीनी नेताओं के लिए अहम है, जिसे वे ऐतिहासिक रूप से अपने प्रभाव का क्षेत्र मानते हैं। वे इसे अपना अधिकार समझते हैं।"

चीन ने तब इसे फेक न्‍यूज बताया था

इससे पहले साल 2019 में चीन ने कंबोडिया के साथ एक गुप्त समझौता किया था, ताकि उसकी सेना इस नेवल बेस का इस्‍तेमाल कर सके। हालांकि, चीन ने इसे फेक न्‍यूज बताया था। चीन ने दावा किया था कि वह केवल सैन्‍य प्रशिक्षण दे रहा है। अब चीन के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि इस नेवल बेस का एक हिस्‍सा उसकी नौसेना इस्‍तेमाल करेगी। 

कंबोडिया तक धमक होने से बढ़ जाएगी भारत की चिंता

इस नेवल बेस के ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह को गुरुवार को अंजाम दिया जाएगा। चीन की नौसेना युद्धपोतों के मामले में दुनिया में सबसे बड़ी है और कंबोडिया तक धमक होने से भारत की चिंता बढ़ जाएगी। चीन के युद्धपोत मलक्‍का स्‍ट्रेट के रास्‍ते आसानी से बंगाल की खाड़ी में आ जा सकेंगे। चीन समुद्र के रास्‍ते म्‍यांमार तक अपनी पहुंच बढ़ा रहा है। इस नेवल बेस की मदद से चीन अमेरिका और भारत दोनों की खुफिया निगरानी आसानी से कर सकता है।

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