Chinese not safe in Pakistan: अब पाकिस्तान में चीनी नागरिक नहीं सुरक्षित, आखिर क्यों निशाने पर हैं चाइनीज
Chinese not safe in Pakistan: पाकिस्तान के कराची शहर में बुधवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने एक दंत चिकित्सालय के अंदर गोलीबारी की, जिसमें एक चीनी नागरिक की मौत हो गई
Highlights
- अगवा करने के बाद चीनी की हत्या कर दी गई थी
- साल 2019 में भी ग्वादर के पांच सितारा होटल पर हमला हुआ था
- आत्माघाती हमले में तीन चीनी इंजीनियर घायल हो गए थे
Chinese not safe in Pakistan: पाकिस्तान के कराची शहर में बुधवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने एक दंत चिकित्सालय के अंदर गोलीबारी की, जिसमें एक चीनी नागरिक की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। इसे पाकिस्तान में चीनी नागरिकों को निशाना बनाकर हमला करने का पहला मामला बताया जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), (दक्षिण) असद रजा ने बताया कि हमलावर मरीज बनकर कराची के सदर इलाके में स्थित क्लीनिक में घुसे और दंत चिकित्सक के कक्ष में पहुंचकर गोलीबारी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि “हमले में सहायक रोनाल्ड चाऊ (25) की घटनास्थल पर ही मौत हो गई है।
घटना को लेकर दिया सख्त निर्देश
दंत चिकित्सक डॉ.रिचर्ड हू ली (74) और उनकी पत्नी मारग्रेट (72) घायल हो गए।” रजा के मुताबिक, डॉ. ली और उनकी पत्नी इलाके में काफी लंबे समय से दंत चिकित्सालय चला रहे थे और उन्हें कोई भी खतरा नहीं था। सदर पुलिस थाने के प्रभारी बशीर अहमद ने बताया कि डॉ.ली और उनकी पत्नी को गोलियां लगी हैं लेकिन वे खतरे से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस को दंत चिकित्सालय से 9 एमएम पिस्तौल की कई गोलियां मिली हैं। अहमद के अनुसार, “ऐसा प्रतीत होता है कि हमलावरों की चीनी डॉक्टर और उनकी पत्नी से कोई रंजिश थी।”आधिकारिक बयान के मुताबिक, सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने हमलावरों की तत्काल गिरफ्तारी का आदेश देते हुए कहा है कि इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त करने लायक नहीं हैं। उन्होंने कराची के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को घटना के संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
कैसे भाग गए गोली चलाने वाले
ली का क्लीनिक कराची के प्रसिद्ध एम्प्रेस बाजार के विपरीत में स्थित है और इस इलाके में चीनी डॉक्टरों द्वारा दशकों से संचालित कई अन्य दंत चिकित्सालय भी हैं। डॉ.ली के क्लीनिक से कुछ दूरी पर स्थित एक रेस्तरां में वेटर के रूप में काम करने वाले जहूर ने बताया, “यह शहर के सबसे व्यस्त और चहल-पहल वाले इलाकों में से एक है। हमने दो से तीन गोलियां चलने की आवाज सुनी और उसके बाद वहां अफरा-तफरी मच गई, जिसका फायदा उठाकर हमलावर घटनास्थल से भाग गए।”
पहले भी हुआ है हमला
इसी साल अप्रैल के महीने में कराची में आत्मधाती बम धमाके में तीन चीनी नागरिकों की मौत मौके पर हो गई थी। इसे पहले साल 2021 में खैबर पख्तूनख्वा में हुए बम धमाके में दस चीनी नगारिकों जान चली गई थी। वही उसी दिन बम धमाके में 26 अन्य चीनी लोगों की मौत हुई थी। 28 जुलाई 2021 में कराची शहर में ही एक चीनी नागरिक के गाड़ी के ऊपर गोलियां बरसाई की गई थी। अगर इन आकड़ो को देखा जाए तो साल-दर-साल बढ़ते जा रहे हैं। साल 2019 में भी ग्वादर के पांच सितारा होटल पर हमला हुआ था। उस होटल में कई चीनी लोग रुके थे। इसके बाद साल 23 नवंबर में चीनी वाणिज्य पर हमले से दहल गया, इसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। वही 2018 में ही दालबंदीन, बलुचिस्तान में हुए आत्माघाती में तीन चीनी इंजीनियर घायल हो गए थे। साल 2017 में क्वेटा से अगवा करने के बाद चीनी की हत्या कर दी गई थी।
आखिर चीनी क्यों हैं निशाने पर
पाकिस्तान में तख्ता पलटते ही नए प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा था कि इमरान खान की सरकार में कानून व्यवस्था एक लचर हो गई थी, इन हमलों के जिम्मेदार इमरान ही है। सरकार ने चीनी नागरिकों के सुरक्षा के लिए एक स्पेशल सिक्यॉरिटी डिवीजन का गठन भी किया था। जो चीनी लोगों को सुरक्षा मुहैया कराते हैं। पाकिस्तान के बलुच अलगावादी चीनी नागरिकों के खिलाफ काफी आक्रामक है। चीन के लिए बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव परियोजना काफी महत्वपूर्ण है। चीन दशकों से पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के पड़ने वाले ग्वादर बंदरगाह को विकसित करने के प्रयास में लगा है। बलुच लोगों का आरोप है कि इस योजन के बार में या ऐसे कई योजनाएं है, जिनके बारे में बलुची को पता ही नहीं है। वहीं उन्हें लगता है कि चीन उनकी एरिया को कब्जा कर लेगा। इसलिए चीन के खिलाफ पाकिस्तान के इस हिस्से के लोग हैं।