China Water Crisis: दूसरों को कर्ज देकर जाल में फंसाने वाला चीन इस समय खुद कई तरह की मुश्किलों का सामना कर रहा है। चीन इस समय भीषण गर्मी का परेशान है। देश में गर्मी इतनी पड़ रही है कि कई हिस्सों में नदियां सूख गई हैं। वहीं बिजली कटौती से लोगों की परेशानियां बढ़ गई है। कई शहरों में फैक्ट्रियां बंद हो रही है। पानी नहीं होने के कारण किसानों भी परेशान हो गए हैं, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि फसल की पैदावार पर ये असर होगा तो देश में आर्थिक संकट दस्तक दे सकता है। चीन के कई हिस्सों में पिछले 60 साल का गर्मी के रिकॉर्ड टूट रहे हैं। सरकारी मौसम एजेंसियों के अनुसार, देश के मध्य और दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में कई स्थानों पर अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस पार कर चुकी है।
एजेंसियों ने भविष्यवाणी की है कि दक्षिण में उच्च तापमान दो और हफ्तों के लिए और परेशानी बढ़ा सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक बारिश नहीं होने के वजह से क्षेत्रों में तपामान अधिक होती जा रही है। इस साल जुलाई में पिछले साल की तुलना में 40 फीसदी कम बारिश हुई है, जो 1961 के बाद सबसे कम है। चीन के जल संसाधन मंत्रालय द्वारा सोमवार को प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक, यांग्त्ज़ी नदी के ऊपरी इलाकों में पानी का स्तर अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। इस इलाके में रहने वाले लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गई है। स्थानीय प्रशासन भी इसके आगे हार मान लिया है।
आखिर क्यों बंद हो रही है कारखाने
चीन की यांग्त्ज़ी नदी न केवल एक प्रमुख जल स्रोत है, बल्कि जल विद्युत, परिवहन और फसलों के लिए जीवन का स्रोत भी है। चीन ने बढ़ती गर्मी के कारण एयर कंडीशनिंग की मांग में जबरदस्त उछाल देखा है, जिससे बिजली ग्रिड पर अतिरिक्त भार डाला जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को दक्षिण-पश्चिमी चीनी प्रांत सिचुआन जो काफी हद तक हाइड्रो पावर पर निर्भर है इनमें 19 शहरों में कई कारखानों को घरों में बिजली की आपूर्ति के लिए छह दिनों के लिए उत्पादन बंद करने या उत्पादन में कटौती करने का आदेश दिया। जिसके कारण उप्तपादन पर भी असर पड़ा है। आम जरूरतें के समानों के दाम में बढ़ोतरी हो गई है.
अर्थव्यवस्था पर लग रहा धक्का
इस तरह की बड़ी बिजली कटौती चीन के कुछ वैश्विक निर्माताओं के लिए मुसीबत बन गई है, जिनमें Apple Inc., Toyota Motor Corp., Volkswagen AG जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। सिचुआन की आबादी 84 मिलियन है, इसकी अर्थव्यवस्था स्विट्जरलैंड के आकार के करीब है। यह 2021 में अपने बिजली उत्पादन के 80 प्रतिशत से अधिक के लिए हाइड्रो पावर पर निर्भर है।
सारे रिकॉर्ड को तोड़ दिया है
कुछ विश्लेषकों को चिंता है कि चीन में सूखा और गर्मी चावल और मक्का जैसी फसलों के उत्पादन को नुकसान पहुंचा सकती है। इस महीने की शुरुआत में प्रकाशित अपनी वार्षिक जलवायु-परिवर्तन रिपोर्ट में, चीन के मौसम विभाग ने कहा कि 1951 और 2021 के बीच चीन की औसत वार्षिक सतह के तापमान में औसतन 0.26 डिग्री सेल्सियस प्रति दशक की वृद्धि हुई है। यह वैश्विक औसत (0.15 डिग्री सेल्सियस प्रति दशक) से बहुत तेज है।
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