कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश): तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने कहा है कि चीन तिब्बत की समस्या से निपटने के लिए उनसे संपर्क करना चाहता है और वो भी इसके बिल्कुल तैयार हैं। यह बातचीत चाहे आधिकारिक तौर पर हो या फिर अनाधिकारिक तौर पर, हर स्थिति में वे इसके लिए तैयार हैं। दिल्ली और लद्दाख की यात्रा पर रवाना होने से पहले हिमाचल के कांगड़ा एयरपोर्ट पर उन्होंने मीडियकर्मियों से यह बात कही।
मैं बातचीत के लिए हमेशा तैयार हूं-दलाई लामा
दलाई लामा ने कहा-' चीन बदल रहा है और उसे अब यह अहसास हो चुका है कि तिब्बत के लोग बहुत शक्तिशाली हैं।' उन्होंने कहा, 'तिब्बत की समस्या से निपटने के लिए वह (चीन) मुझसे संपर्क करना चाहते हैं और मैं भी बिल्कुल तैयार हूं।' एक सवाल के जवाब में दलाई लामा ने कहा, 'मैं चीन के साथ बातचीत के लिए हमेशा तैयार हूं और वर्षों पहले यह स्पष्ट कर चुका हूं कि हम पूर्ण आजादी नहीं मांग रहे हैं। हम चीन गणराज्य का हिस्सा रहेंगे।’
मैं किसी से नाराज़ नहीं-दलाई लामा
इससे पहले 6 जुलाई को दलाई लामा ने धर्मशाला में अपना 88वां जन्मदिन मनाया और अपने निवास के करीब मुख्य तिब्बती मंदिर का दौरा किया। इस अवसर पर वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए दलाई लामा ने कहा - मैं किसी से नाराज नहीं हूं। यहां तक कि चीन के उन नेताओं से भी नाराज नहीं हूं जिन्होंने तिब्बत के प्रति कठोर रवैया अपनाया। दरअसल, चीन ऐतिहासिक रूप से बौद्ध देश रहा है।
उम्मीद खोए बिना जो हो सकता था किया-दलाई लामा
दलाई लामा ने कहा-'मैं तिब्बत में पैदा हुआ था और मेरा नाम दलाई लामा है, लेकिन तिब्बत के हित के लिए काम करने के अलावा, मैं सभी संवेदनशील प्राणियों के कल्याण के लिए काम कर रहा हूं। मैंने उम्मीद खोए बिना जो कुछ भी कर सकता था वह किया है।दलाई लामा ने कहा कि तिब्बत की संस्कृति पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद है।'
Latest World News