बीजिंग: चीन ने जापान से कहा है कि वह जुलाई में होने जा रहे NATO समिट में शामिल होने के अपने फैसले पर अच्छी तरह सोच ले। चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा का जुलाई में NATO समिट में हिस्सा न लेना ही अच्छा होगा। ड्रैगन ने कहा कि जापान समेत सभी को इतिहास से सबक लेना चाहिए और कोई भी ऐसी हरकत नहीं करनी चाहिए जिससे इलाके की शांति दांव पर लग जाए और सभी का नुकसान हो।
जापान को मिला है विशेष आमंत्रण
बता दें कि NATO की समिट जुलाई में लिथुआनिया में होने वाली है और जापान को इसमें शामिल होने के लिए विशेष आमंत्रण दिया गया है। जापान का कहना है कि प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा इस समिट में हिस्सा ले सकते हैं। इसके बाद से ही चीन लगातार जापान पर इस समिट में हिस्सा न लेने के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। माना जा रहा है कि इस बैठक में NATO प्लस पर भी विचार होगा, जिसके तहत भारत और जापान को NATO में शामिल होने का प्रस्ताव दिया जा सकता है।
NATO प्लस में शामिल होगा भारत?
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले कांग्रेस की एक शक्तिशाली समिति ने ‘NATO प्लस’ में भारत को शामिल करने की सिफारिश की है। NATO प्लस (अभी नाटो प्लस 5) एक सुरक्षा व्यवस्था है जो NATO और 5 गठबंधन राष्ट्रों ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, इजराइल और दक्षिण कोरिया को वैश्विक रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए साथ लाती है। भारत को इसमें शामिल करने से ये देश बिना की बाधा के खुफिया जानकारी बांट पाएंगे और भारत की मॉडर्न मिलिटरी टेक्नोलॉजी तक पहुंच बन सकेगी।
चीन पर लगाम कसने की तैयारी
अमेरिका और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच सामरिक प्रतिस्पर्धा को लेकर बनाई गई सदन की चयन समिति ने भारत को शामिल कर नाटो प्लस को मजबूत बनाने और ताइवान की प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने के लिए एक नीति प्रस्ताव पारित कर दिया। इस समिति की अगुवाई अध्यक्ष माइक गालाघर और रैंकिंग मेंबर राजा कृष्णमूर्ति ने की। चयन समिति ने कहा, ‘NATO प्लस में भारत को शामिल करने से हिंद प्रशात क्षेत्र में CCP की आक्रामकता को रोकने और वैश्विक सुरक्षा मजबूत करने में अमेरिका तथा भारत की करीबी साझेदारी बढ़ेगी।’
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