चीन और ताइवान के बीच इन दिनों तनाव तेजी से बढ़ रहा है। ऐसा लग रहा है मानों दोनों देश युद्ध के कगार पर बस पहुंच चुके हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि चीनी सेना द्वारा ताइवान के खिलाफ लगातार आक्रामक कार्रवाई का जा रही है। दरअसल युद्ध अभ्यास के नाम पर चीन ताइवान की हवाई नाकाबंदी कर रहा है। खबरों के मुताबिक चीन ने सोमवार को युद्ध अभ्यास के दौरान अप्रत्यक्ष रूप से ताइवान के आसमान में घेराबंदी की। इस दौरान चीन के दर्जनों लड़ाकू विमान ताइवान के हवाई क्षेत्र में युद्ध अभ्यास करते दिखे।
ताइवान की हवाई क्षेत्र की घेराबंदी
दरअसल चीन इन दिनों ताइवान की विदेश नीति के कारण उससे खार खाए बैठा है। बीते दिनों अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के स्पीकर केविन मैक्कार्थी और ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन के बीच मुलाकात हुई थी। यही कारण है कि चीन को अमेरिका और ताइवान के प्रतिनिधियों की मुलाकात पसंद नहीं आई है। चीन द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक कहा गया है कि गोला बारूद ले जा रहे विमानों ने ताइवान के पास हमला करने को लेकर युद्ध अभ्यास किया। इस युद्ध अभ्यास में चीन की एक विमानवाहक पोत शेडोंग भी शामिल हुआ। वहीं दर्जनों H-6K लड़ाकू विमानों जो गोला बारूद ले जाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं, ने ताइवान पर हमला करने का अभ्यास किया।
ताइवान को धमका रहा चीन
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब चीन ताइवान को धमकाने के लिए इस तरह के प्रयास कर रहा है। इससे पहले भी चीनी लड़ाकू विमान ताइवान की हाईव सीमा में दाखिल हो चुके हैं। इस मामले पर ताइवान के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि चीन द्वारा लगातार हिंद प्रशांत शांति और स्थिरता का उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने अन्य देशों से इस बाबत बोलने को लेकर आग्रह किया है। बता दें कि ताइवान सरकार का कहना है कि ताइवान एक स्वतंत्र देश है। लेकिन चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। यही कारण है कि दोनों देशों के बीच आए दिन युद्ध जैसे हालात बन जाते हैं।
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