China Taiwan News: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) को अंतिम विदाई देने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें ताइवान के उप राष्ट्रपति की मौजूदगी को लेकर चीन ने ऑफिशियल रूप से अपना विरोध दर्ज कराया है। चीन ने दावा किया कि अगर जरूरत पड़ी तो वह बल के जोर पर ताइवान को फिर अपने साथ जोड़ेगा। साथ ही उसने ताइवान के स्वतंत्र रूप से राजनीतिक उपस्थिति दर्ज कराने को लेकर भी आपत्ति जताई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मंगलवार को कहा कि ताइवान के अधिकारियों ने राजनीतिक उद्देश्य से इस अवसर का फायदा उठाने की कोशिश की। चीन ने जापान के समक्ष इसकी कड़ी शिकायत दर्ज कराई है।
" यह एक राजनीतिक योजना है, जो कभी सफल नहीं हो सकती"
वांग ने कहा, " यह एक राजनीतिक योजना है, जो कभी सफल नहीं हो सकती।" ताइवान के उप राष्ट्रपति ला चिंग-ते ने आबे के टोक्यो स्थित आवास पर उन्हें सोमवार को श्रद्धांजलि दी थी। आबे, ताइवान के एक बड़े समर्थक थे। गौरतलब है कि चीन, ताइवान को अपना क्षेत्र बताते हुए उस पर दावा करता है। वह लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई ताइवान की सरकार को मान्यता देने से इनकार करता है। ताइवान और चीन 1949 के गृह युद्ध में अलग हो गए थे।
आबे 2002 में जापान के सबसे यंग पीएम बने थे
पूर्व पीएम शिंजो आबे देश के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने 2020 में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण इस्तीफा दे दिया था। आबे 52 साल की उम्र में सन 2002 में जापान के सबसे यंग पीएम बने थे। पूर्व पीएम आबे को पश्चिमी जापान के नारा में शुक्रवार को भाषण शुरू करने के चंद मिनटों बाद ही पीछे से गोली मार दी गई थी। इसके बाद आबे को विमान से एक अस्पताल ले जाया गया। वहां पहुंचने पर उनकी सांस नहीं चल रही थी और उनकी हृदय गति थम गई थी। इसके बाद उन्हें अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।
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