America-China: अमेरिका और चीन एक दूसरे के दुश्मन नंबर वन हैं। हाल के वर्षों में जिस तरह चीन दुनिया में विस्तारवाद की नीति को अपना रहा है, उससे अमेरिका को सबसे ज्यादा खतरा है। ऐसे में वह चीन को उसकी असली हैसियत दिखाने से पीछे नहीं हटता है। खासतौर पर दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागिरी पर अमेरिका अपने जंगी जहाजों, फाइटर जेट्स के द्वारा जवाब देता रहता है। इसी बीच अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में बड़ा जंगी अभ्यास किया है, जिससे चीन घबरा गया और उसकी अकड़ ढीली हो गई है।
ताइवान को चीन की धमकी के बाद चौकन्ना है अमेरिका
अमेरिकी नौसेना ने बताया कि उसने एयरक्राफ्ट केरियरयूएसएस निमित्ज के साथ जंगी अभ्यास किया है। इस दौरान खासतौर पर एयरक्राफ्ट कैरियर से जंगी जेट्स की उड़ान और लैंडिंग की प्रैक्टिस की गई। दरअसल, चीन ने ताइवान को हाल ही में धमकी दी है। चीन के विदेश मंत्री छिन कांग ने खुद हाल ही में कहा कि ताइवान की मदद करने वाले ‘आग से खेल रहे हैं।‘ ताइवान को भी चीन ने धमकी दे डाली। ऐसे में अमेरिका को डर है कि चीन कभी भी ताइवान पर हमला न कर दे। इसलिए चीन के पास ही अपनी उपस्थिति को अमेरिकी सेना बनाए रखना चाहती हैै दक्षिण चीन सागर में अमेरिका का जंगी अभ्यास इसी प्रक्रिया का हिस्सा हैै।
ताइवान पर हमला किया तो चीन की हेकड़ी निकाल देगा अमेरिका
अमेरिका जंगी अभ्यास करके चीन को यही संदेश दे रहा है कि यदि ताइवान पर किसी भी तरह का हमला किया तो वह चीन की अकड़ निकाल देगा। दरअसल, अमेरिका चीन के नजदीक दक्षिण चीन सागर में अपनी जंगी तैयारियों को जांच रहा है। ताइवान पर चीनी हमले की स्थिति में वह चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। यही कारण है कि अमेरिका चीन के नजदीक इस इलाके में अपनी युद्ध तैयारी को मजबूत कर रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति खुद चीन ताइवान की जंग की स्थिति में अपने सैनिकों को भेजने की बात कह चुके हैं। यानी चीन ने ताइवान पर आक्रमण किया तो दक्षिण चीन सागर में मौजूद अमेरिकी सेना चीन क हमले का कड़ा जवाब देगी। ऐसे में अमेरिकी नौसेना अपनी मौूजदगी को बनाए रखना चाहती है।
अमेरिकन एयरक्राफ्ट कैरियर में एक बार में तैनात हो सकते हैं 70 जंगी विमान
एयरक्राफ्ट कैरियर अमेरिकी ताकत का प्रतीक हैं। अमेरिका शीत युद्ध के समय से ही एयरक्राफ्ट कैरियरों को अपनी ताकत के तौर पर इस्तेमाल करता आया है। एयरक्राफ्ट कैरियर की सबसे बड़ी ताकत उसके लड़ाकू विमान होते हैं। अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर इतने विशाल होते हैं कि उन पर एक बार में 60 से 70 लड़ाकू विमानों को तैनात किया जा सकता है।
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