ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव संपन्न होने के बाद अपने पसंद के उम्मीदवार की हार से चीन बौखला गया है। दरअसल ताइवान में चीन के कट्टर विरोधी नेता लाई चिंग ते राष्ट्रपति चुने गए हैं। इससे चीन के अरमानों पर पानी फिर गया है। लिहाजा चीन ने ताइवान पर दबाव बनाने के लिए सीमा पर सैन्य गतिविधियों को बढ़ा दिया है। ताइवान ने कहा है कि उसे राष्ट्रपति चुनाव के बाद सीमा क्षेत्र में पहली बड़ी चीनी सैन्य गतिविधि का पता चला है। उसका दावा है कि उसने द्वीप के आसपास 18 चीनी वायु सेना के विमानों और युद्धपोतों का पता लगाया है। ताइवान ने कहा कि पिछले सप्ताह के राष्ट्रपति चुनाव के बाद यह प्रमुख चीनी सैन्य गतिविधि का पहला उदाहरण है।
ऐवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने बुधवार को ताइवान के आसपास चीनी वायु सेना के 18 सक्रिय विमानों का पता लगाया जो चीनी युद्धपोतों के साथ "संयुक्त युद्ध तत्परता गश्त" कर रहे थे। यह ताइवान में हाल में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव के बाद पहली बड़े पैमाने पर सैन्य गतिविधि है। बता दें कि चीन ताइवान को अपने क्षेत्र के रूप में देखता है, वह पिछले चार वर्षों में नियमित रूप से द्वीप के चारों ओर आसमान और पानी में युद्धक विमान व युद्धपोत भेजता रहा है। चीन इसे अपनी संप्रभुता से जोड़ता है, जबकि ताइपे सरकार उसके दावे को खारिज करती है।
चीन को लाई चिंग ते की जीत से लगा बड़ा झटका
ताइवान ने 13 जनवरी को सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) के लाई चिंग-ते को अपने अगले राष्ट्रपति के रूप में चुना है। लाई चिंग-ते ताइवान के ऐसे नेता रहे हैं, जिन्हें चीन बार-बार एक खतरनाक अलगाववादी और युद्ध का कारण बनने वाले के रूप में आलोचना करता रहा है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि बुधवार शाम करीब 7:50 बजे उसने 18 चीनी विमानों का पता लगाया है, जिनमें उत्तरी और मध्य ताइवान और द्वीप के दक्षिण-पश्चिम में उड़ान भरने वाले Su-30 लड़ाकू विमान भी शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा कि उनमें से 11 विमानों ने चीनी युद्धपोतों के साथ "संयुक्त युद्ध तत्परता गश्ती" करने के लिए काम करते हुए ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा, या आस-पास के क्षेत्रों को पार किया है।
ताइवान ने भेजी अपनी सेना
चीन की सैन्य गतिविधियों को देखते हुए ताइवान ने भी निगरानी के लिए अपनी सेनाएं भेजीं। रक्षा मंत्रालय ने कहा "ताइवान जलडमरूमध्य क्षेत्र की सुरक्षा और समृद्धि वैश्विक विकास और स्थिरता से निकटता से जुड़ा है। ताइवान की सेना दुश्मन के खतरों और आत्मरक्षा जरूरतों के अनुसार अपनी आत्मरक्षा क्षमताओं को मजबूत करना जारी रखेगी और क्षेत्रीय खतरों का जवाब देगी। हालांकि ताइवान के इन आरोपों पर अभी तक चीन के रक्षा मंत्रालय की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
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