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Hindi News विदेश एशिया जी-20 से पहले नरम पड़ा चीन, भारत से संबंध बेहतर करने पर दिया ये अहम बयान

जी-20 से पहले नरम पड़ा चीन, भारत से संबंध बेहतर करने पर दिया ये अहम बयान

जी-20 समिट में भाग लेने आए चीनी विदेश मंत्री छिन गांग विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर भारतीय समकक्ष एस.जयशंकर से मुलाकात कर सकते हैं। छिन गांग ने पिछले साल ही विदेश मंत्री का पद संभाला था। पद संभालने के बाद यह उनका पहला भारतीय दौरा है। वे यहां पहली बार जयशंकर से मुलाकात करेंगे।

चीनी विदेश मंत्री किन गैंग- India TV Hindi Image Source : ANI चीनी विदेश मंत्री किन गैंग

Indo china Relation: चीन के विदेश मंत्री छिन गांग जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली हवाईअड्डे पहुंचे। वे यहां जी20 समिट में भारत से रिश्ते बेहतर करने पर चर्चा कर सकते हैं। विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर वे भारतीय समकक्ष एस.जयशंकर से मुलाकात कर सकते हैं। किन गैंग ने पिछले साल ही विदेश मंत्री का पद संभाला था। पद संभालने के बाद यह  उनका पहला भारतीय दौरा है। वे यहां पहली बार जयशंकर से मुलाकात करेंगे।

इससे पहले चीन के विदेश मंत्री छिन गांग की भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ संभावित मुलाकात से पहले बीजिंग ने कहा कि वह भारत के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है। दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध दोनों देशों और उनके लोगों के हित में हैं।

चीनी विदेश मंत्री भारतीय समकक्ष जयशंकर से कर सकते हैं मुलाकात

G-20 बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत आ रहे चीन के विदेश मंत्री छिन गांग विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर जयशंकर से मुलाकात कर सकते हैं। हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने छिन गांग के इस भारत दौरे को संबंधों में सुधारवादी कदम बताते हुए कहा कि पिछले साल चीन के विदेश मंत्री का पद संभालने के बाद यह किन का पहला भारत दौरा है। 

भारत को चीन देता है अहमियत, बोले चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता

पूर्वी लद्दाख गतिरोध को सुलझाने के लिए 17वें दौर की उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता के मद्देनजर दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की इस मुलाकात का बहुत महत्व है। जयशंकर के साथ किन की मुलाकात के बारे में पूछने पर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन, भारत के साथ अपने संबंधों को अहमियत देता है। 

भारत-चीन दोनों पुरानी सभ्यताएं, उभरती अर्थव्यवस्थाएं: माओ निंग

उन्होंने कहा कि चीन और भारत दोनों ही प्राचीन सिविलाइजेशन यानी सभ्यताएं हैं। दोनों देशों की आबादी एक एक अरब से ज्यादा है। हम पड़ोसी हैं और दोनों विश्व में उभरती अर्थव्यवस्थाएं हैं। चीन और भारत के प्रगाढ़ संबंध दोनों देशों और उनके लोगों के हितों के लिए काफी मायने रखते हैं। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ ने हालांकि जयशंकर के साथ ​गैंग की बैठक की पुष्टि तो नहीं की है, लेकिन इतना कहा है कि गैंग के भारत दौरे के जानकारी को सार्वजनिक किया जाएगा। 

दोनों देशों के बीच 2020 के बाद हो चुकी हैं 17 दौर की सैन्यवार्ताएं

दरअसल, मई 2020 में पूर्वी लद्दाख गतिरोध की वजह से दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई थी। इस गतिरोध को सुलझाने के लिए अभी तक दोनों देशों की 17 दौर की हाईलेवल की सैन्य वार्ताएं हो चुकी हैं। भारत हमेशा से चीन को यही संदेश देता रहा है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में चीन की घुसपैठ की कोशिशें खत्म नहीं होंगी, तब तक संबंध सामान्य नहीं हो सकते। इसके लिए भारत और चीन के सीमावर्ती इलाकों में शांति बहाल होना जरूरी है। 

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