मैक्रों और पीएम मोदी की दोस्ती से घबराया चीन, जानिए क्या बोले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग?
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों और पीएम मोदी की दोस्ती को हाल ही में दुनिया ने देखा। इस दोस्ती से चीन को मिर्ची लगी है। चीन अब फ्रांस और चीन के संबंधों की दुहाई देने लगा है। जानिए चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने क्या कहा?
China on France: फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर भारत के मेहमान बनकर आए। उन्होंने यहां दो दिनों में भारत की समृद्ध संस्कृति को बेहद करीब से देखा और जाना। वे ऐतिहासिक शहर जयपुर गए, निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर सूफी संगीत सुना। पीएम मोदी और मैक्रों ने साथ मिलकर जयपुर में रोड शो किया। इस दौरान दोनों नेताओं की दोस्ती को दुनिया ने देखा। वहीं गणतंत्र दिवस पर भारत के विविध प्रांतों की संस्कृति को दर्शाती रंगारंग झांकियों को देखकर वे बड़े ही प्रसन्न हुए। पीएम मोदी और मैक्रों की इस दोस्ती पर चीन सकपका गया है। चीन को इस दोस्ती से खासी मिर्ची लगी है। जानिए खिसियाए चीन ने क्या कहा?
हाल ही में भारत की यात्रा पर आए मैक्रों और पीएम मोदी की इस बॉन्डिंग पर चीन टेंशन में आ गया है। चीन फ्रांस को अपना दोस्त मानता रहा है। भारत से बढ़ती दोस्ती पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि ‘चीन और फ्रांस के संबंधों को नई ऊंचाई देने की जरूरत है। चीन और फ्रांस के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के मौके पर उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संबंध काफी मजबूत हैं, लेकिन इनको बढ़ावा देने के लिए और भी नए सकारात्मक प्रयोग करने चाहिए।‘
फ्रांस की भारत से बढ़ती दोस्ती के बीच आया चीन का बयान
भारत से बढ़ती फ्रांस की दोस्ती पर चीन भी अब फ्रांस से दोस्ती बढ़ाने की बातें करने लगा है। चीनी राष्ट्रपति का ये बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भारत के दौरे से लौटे हैं। इस दौरान उनकी प्रधानमंत्री के साथ दोस्ती चर्चा में रही तो दोनों देशों ने रक्षा सहयोग बढ़ाने समेत कई अहम मुद्दों पर समझौते भी किए।‘
चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने क्या कही बात?
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने फ्रांस से संबंधों पर बोलते हुए कहा ‘आज दुनिया एक बार फिर एक महत्वपूर्ण चौराहे पर खड़ी दिख रही है। ऐसे में चीन और फ्रांस को मिलकर मानव विकास के लिए शांति, सुरक्षा और समृद्धि का रास्ता खोलना चाहिए। चीन हमेशा ही द्विपक्षीय संबंधों के विकास को बहुत महत्व देता है। फ्रांस के साथ राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के मौके पर हम कहना चाहते हैं कि चीन मैक्रों के साथ बुनियादी सिद्धांतों को बनाए रखने, रिश्तों की नई जमीन तलाशने पिछली उपलब्धियों को आगे बढ़ाने और एक नया रास्ता खोलने के लिए काम करने को तैयार हैं।
मैक्रों के भारत दौरे पर क्यों रही चीन की नजर
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने फ्रांसीसी आयात बढ़ाने की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि हम फ्रांस के उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं के आयात का विस्तार जारी रखेंगे। हमें उम्मीद है कि फ्रांस भी चीनी कंपनियों को निष्पक्ष और न्यायसंगत कारोबारी माहौल प्रदान करेगा।
चीन के दौरे के बाद मैक्रों ने की थी अमेरिका की आलोचना
वैसे चीन फ्रांस के साथ संबंधों की दुहाई दे रहा है। इससे पहले पिछले साल मैक्रों ने चीन का दौरा किया था। तब मैक्रांे ने यूक्रेन और रूस की जंग में अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठाए थे। जंग के संदर्भ में अमेरिका की भूमिका पर मैक्रों ने कहा था कि अमेरिका की आवाज पूरे यूरोप की आवाज नहीं हैं। हमें पहले अपनी प्राथमिकताओं को देखना चाहिए।