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Hindi News विदेश एशिया UNSC में स्थाई सदस्यता के 2 प्रमुख दावेदार भारत और ब्राजील की "टू प्लस टू वार्ता" से घबराया चीन, जानें रणनीति

UNSC में स्थाई सदस्यता के 2 प्रमुख दावेदार भारत और ब्राजील की "टू प्लस टू वार्ता" से घबराया चीन, जानें रणनीति

भारत और ब्राजील के बीच नई दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने को लेकर टू प्लस टू वार्ता हुई। इसमें रक्षा और विदेश मंत्रालय के सचिव शामिल रहे। इस वार्ता को भारत और ब्राजील के बीच गहरी होती दोस्ती का अहम आधार माना जा रहा है। दोनों ही देश यूएनएससी में स्थाई सदस्यता के भी प्रबल दावेदार हैं।

ब्राजील और भारत के नेताओं में नई दिल्ली में हुई टू-प्लस टू वार्ता। - India TV Hindi Image Source : MEA ब्राजील और भारत के नेताओं में नई दिल्ली में हुई टू-प्लस टू वार्ता।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थाई सदस्यता के 2 प्रमुख दावेदार देशों भारत और ब्राजील के बीच दोस्ती बढ़ते देख चीन की हवा खराब होने लगी है। दोनों ही देश मजबूती से कई बार यूएनएससी में अपना दावा पेश कर चुके हैं। भारत और ब्राजील इस वक्त दोनों ही दुनिया में उभरती महाशक्ति के तौर पर पहचाने जाते हैं। इस बीच नई दिल्ली में भारत और ब्राजील ने बृहस्पतिवार को रक्षा और विदेश मंत्रिस्तरीय पहली ‘टू प्लस टू’ वार्ता की। इससे चीन जैसे दुश्मन परेशान होने लगे हैं। 

भारत और ब्राजली ने ऊर्जा से लेकर महत्वपूर्ण खनिजों, प्रौद्योगिकी एवं आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि बातचीत में सहयोग के विभिन्न अहम क्षेत्रों पर चर्चा हुई। उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा, "रक्षा, अंतरिक्ष, ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिज, तकनीक, आतंकवाद से मुकाबला और क्षेत्रीय, बहुपक्षीय एवं परस्पर हित से जुड़े अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई।" यह वार्ता दिल्ली में हुई।

विदेश और रक्षा मंत्रालय के सचिवों ने की सह-अध्यक्षता

भारत और ब्राजील के बीच हुई इस टू प्लस टू वार्ता की सह-अध्यक्षता विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव जी वी श्रीनिवास और रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव विश्वेश नेगी ने की। वहीं ब्राजील के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वहां के विदेश मंत्रालय के निदेशक मार्सेलो कैमारा और रियर एडमिरल फर्नांडो डि लुका मार्केस डि ओलिविएरा ने किया। इससे पहले हाल ही में नई दिल्ली में भारत और अमेरिका के बीच अहम टू प्लस टू वार्ता हुई थी। इसमें दोनों देशों के बीच रक्षा, सुरक्षा, अंतरिक्ष, ऊर्जा और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर वार्ता हुई थी।  (भाषा) 

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