कोलंबोः श्रीलंका में चल रहे 4 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा स्तरीय सम्मेलन में एक बड़ा फैसला लिया गया है। भारत के एनएसए अजीत डोभाल के प्रस्ताव पर तैयार हुई इस रणनीति से चीन की हर चाल अब चौपट हो जाएगी। भारत के साथ ही साथ मालदीव, मॉरीशस एवं श्रीलंका के प्रतिनिधियों ने भी क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने और सदस्य देशों के सामने मौजूद सीमापार खतरों एवं साझा चुनौतियों के समाधान वास्ते कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन सचिवालय स्थापित करने का बड़ा निर्णय लिया है। आज इस बाबत एक समझौता ज्ञापन पर चारों देशों ने मिलकर हस्ताक्षर किए। इससे विशेषकर चीन और पाकिस्तान को झटका जरूर लगेगा। खास बात यह है कि इस फैसले में भारत के साथ मालदीव भी शामिल है।
कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (सीएससी) में भारत, श्रीलंका, मालदीव और मॉरीशस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) एवं उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शामिल हुए। इसका संबंध समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद-निरोधक और साइबर सुरक्षा से है, जहां भारत ने हिंद महासागर में अपनी रणनीतिक चिंताएं सामने रखी हैं। यहां भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (सीएससी) सचिवालय की स्थापना के लिए मालदीव, मॉरीशस और श्रीलंका के प्रतिनिधियों के साथ चार्टर और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। यह क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है तथा चार्टर एवं समझौता ज्ञापन पर यह हस्ताक्षर कार्यक्रम सीएससी रोडमैप में एक मील का पत्थर है।’’उच्चायोग ने ‘एक्स’ पर कुछ तस्वीरें भी डालीं।
भारत ने श्रीलंका के साथ मालदीव को साधकर चीन को किया हैरान
कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन के संयुक्त बयान में कहा गया है कि इस सम्मेलन के सदस्य देशों ने ‘‘30 अगस्त, 2024 को सीएससी सचिवालय की स्थापना के लिए चार्टर एवं समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।’’ बयान के अनुसार कोलंबो में इस हस्ताक्षर समारोह की मेजबानी श्रीलंका सरकार ने की। डोभाल, मालदीव के एनएसए इब्राहिम लतीफ, श्रीलंका में मॉरीशस के उच्चायुक्त हेमंडोयल दिल्लुम और श्रीलंका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सागाला रत्नायके ने अपने-अपने देश की ओर से दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। इस फैसले में भारत ने मालदीव को साधकर चीन को भी हैरान कर दिया है। (भाषा)
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