ताइवान के नए नराष्ट्रपति चुने गए लाई-चिंग-ते के मई में पॉवर में आने से पहले चीन ने पड़ोसी देश पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। चीन ने ताइवान जलडमरू मध्य के पास अपनी गतिविधियों को बढ़ा दिया। वह लगातार अपने फाइटर प्लेन, युद्धक पोत और पनडुब्बियों की तैनाती इन क्षेत्रों में बढ़ा रहा है। लिहाजा मई में अपने अगले राष्ट्रपति के सत्ता पर आसीन होने से पहले ताइवान को लगातार चीनी दबाव का सामना करना पड़ रहा है। ताइपे के अधिकारियों को डर है कि बीजिंग सीधे संघर्ष का सहारा लिए बिना द्वीप के क्षेत्र को और अधिक कमजोर कर सकता है।
वर्तमान उपराष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने जनवरी में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता था। अब मई में वह राष्ट्रपति पद का अपना कार्यभार संभालेंगे। चीन लाई को एक अलगाववादी के रूप में देखता है। लिहाजा वह संकीर्ण ताइवान जलडमरूमध्य के एक हवाई मार्ग बदल दिया है और ताइवान-नियंत्रित क्षेत्र के आसपास चीनी तट से मिलने वाले किनमेन द्वीप पर नियमित तट रक्षक गश्ती शुरू कर दी है। इससे ताइवान का तनाव बढ़ रहा है। लोकतांत्रिक ढंग से शासित ताइवान पर चीन अपना दावा करता है, लेकिन द्वीप हमेशा उसके इस दावे को जोरदार तरीके से खारिज किया है।
क्षेत्र में सुरक्षा मामलों पर नज़र रखने वाले एक विदेशी अधिकारी ने जो कुछ हो रहा है उसे दबाव बनाना बताया, जिससे बिना युद्ध किए यह संदेश जाता रहे कि बीजिंग लाई को पसंद नहीं करता है। चीन अतीत में भी द्वीप के चारों ओर दो बार डेढ़ साल तक ऐसा कर चुका है। एक तरीके से यह सीधे या सैन्य टकराव के लिए मजबूर करना है। सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "यह ताइवान जलडमरूमध्य में यथास्थिति को धीरे-धीरे बदलने के पैटर्न का हिस्सा है। मामले की संवेदनशीलता पर चीन का कहना है कि तटरक्षक गश्त उसके मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हैं।
किनमेन में गत माह मारा गया था चीनी मछुआरा
पिछले महीने किनमेन द्वीप से भागने की कोशिश कर रहे दो चीनी मछुआरों की ताइवान के तट रक्षकों के हाथों मारे गए थे। वह किनमेन के भारी किलेबंद द्वीपों में से एक के बहुत करीब पहुंच चुके थे। बुधवार को यह पूछे जाने पर कि क्या किनमेन तनाव लाई पर चीन के दबाव का हिस्सा है, इस पर ताइवान मामलों के कार्यालय के एक चीनी प्रवक्ता ने तट रक्षक गश्ती पर चीन के अधिकार को दोहराते हुए सीधे जवाब नहीं दिया। झू फेंग्लियान ने कहा, "ताइवान जलडमरूमध्य के दोनों किनारे चीन का हिस्सा हैं और ताइवान चीन का हिस्सा है।" चीन का कहना है कि ताइवान जलडमरूमध्य पर अकेले उसकी संप्रभुता है, और वह किनमेन के आसपास अपने मछुआरों के लिए किसी भी "सीमा से बाहर" जल को मान्यता नहीं देता है। वहीं ताइवान चीन के क्षेत्रीय दावों को दृढ़ता से खारिज करता है। (रॉयटर्स)
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