हांगकांग से लौटते ही '13' दिन तक 'गायब' रहे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, लोगों की नजरों के छिपने के लिए लिया सबसे बड़ा ब्रेक, सामने आई शॉकिंग वजह
पश्चिमी मीडिया में ऐसी तमाम रिपोर्ट्स आईं, जिनमें दावा किया गया कि कोरोना वायरस को चीन ने ही बनाया था। यहां जिस बाजार से वायरस के फैलने की शुरुआत हुई, वह वुहान लैब के नजदीक है।
Highlights
- चीनी राष्ट्रपति के कोरोना संक्रमित होने की आशंका
- शी जिनपिंग ने इस साल लिया सबसे बड़ा ब्रेक
- जिस शख्स ने पिक्चर क्लिक कराई, वो संक्रमित हुआ
Xi Jinping Missing: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग हाल में ही कोरोना वायरस महामारी शुरू होने के बाद से पहली बार चीन के बाहर निकले थे। उन्होंने हांगकांग की ऐतिहासिक यात्रा की थी। लेकिन अब जो हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, वो ये है कि हांगकांग से लौटने के बाद जिनपिंग पूरे 13 दिनों तक लोगों की नजरों से गायब रहे। यानी उन्होंने स्पॉटलाइट से दूरी बनाए रखी। इसपर इसलिए इतनी चर्चा हो रही है क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि शी जिनपिंग हांगकांग से लौटते ही कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं। राष्ट्रपति से जुड़ी जानकारी देने वाले सरकारी डाटाबेस से पता चला है कि हांगकांग से लौटने के बाद शी जिनपिंग ने जितना बड़ा ब्रेक लिया है, वो अब तक का सबसे बड़ा ब्रेक है।
अभी तक ये साफ नहीं है कि जिनपिंग कहां थे। ऐसा भी हो सकता है कि वह सुरक्षा कारणों से लोगों के सामने न आए हों। हालांकि जिनपिंग जितनी बार भी लोगों के बीच सार्वजनिक तौर पर दिखाई दिए, या किसी अन्य कार्यक्रम में दिखे, उसे सरकारी मीडिया ने कवर किया है। पिछली बार चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 7 फरवरी से 16 फरवरी तक बीजिंग विंटर ओलंपिक के समय गायब रहे थे। इससे पहले शी जिनपिंग 1 अगस्त से 16 अगस्त तक गायब रहे। ये तब की बात है, जब चीन के बड़े नेता एक रिजॉर्ट में एकत्रित होते हैं। उस दौरान भी शी जिनपिंग सार्वजनिक तौर पर गायब रहे थे। हालांकि दो बड़े नेताओं ली केकियांग और वांग यांग ने हाल में ही आयोजित कार्यक्रमों में कहा कि इस साल इसका आयोजन नहीं होगा।
वैक्सीन लगने से जुड़ी जानकारी नहीं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अभी तक इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि शी जिनपिंग को कोरोना वायरस के खिलाफ तैयार की गई वैक्सीन लगी है या फिर नहीं। उन्होंने बीजिंग को हांगकांग सौंपे जाने की 25वीं वर्षगांठ पर यहां का दो दिवसीय दौरा किया था। उन्होंने उस समय शेन्झेन में एक रात गुजारी थी। यह चीन का ही एक शहर है, जो हांगकांग के नजदीक पड़ता है। फिर 1 जुलाई को जिनपिंग राजधानी बीजिंग में लौट आए थे। 30 जून को चीनी राष्ट्रपति के साथ वकील स्टीवन हो ने एक ग्रुप सेल्फी ली थी। जो दो दिनों बाद कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। उन्होंने 1 जुलाई को जिनपिंग के साथ हुई अपनी बैठक के बाद सोशल मीडिया पर बताया कि उनका पीसीआर टेस्ट पॉजिटिव आया है।
2020 में म्यांमार गए थे जिनपिंग
कोरोना वायरस महामारी शुरू होने से पहले शी जिनपिंग आखिरी बार जनवरी 2020 में म्यांमार के दौरे पर गए थे। ये बात वुहान की कैपिटल सिटी को पूरी तरह बंद करने से कुछ दिन पहले की है। उस यात्रा के बाद हांगकांग का दौरा चीन के बाहर जिनपिंग का पहला दौरा था। ऐसा भी पहली बार हुआ, जब उन्होंने एक ऐसे शहर में कदम रखा, जहां रोजाना कोरोना वायरस के हजारों मामले सामने आ रहे हैं। दरअसल चीन ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए कोविड जीरो रणनीति का पालन किया था। जिसके चलते जिनपिंग की सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रा रोक दी गईं और वह सभी राजनीतिक बैठकों और कार्यक्रमों में डिजिटल तरीके से ही शामिल हुए थे।
चीन से कोरोना फैलने के दावे
वहीं चीन और कोरोना वायरस, जब इन दो शब्दों को एक साथ लिया जाता है, तो हर कोई और अधिक ध्यान देने लगता है। इसके पीछे का कारण ये है कि इस संक्रमण के फैलने की शुरुआत चीन के वुहान शहर के मीट के बाजार से हुई थी। इसके बाद पश्चिमी मीडिया में ऐसी तमाम रिपोर्ट्स आईं, जिनमें दावा किया गया कि कोरोना वायरस को चीन ने ही बनाया था। यहां जिस बाजार से वायरस के फैलने की शुरुआत हुई, वह वुहान लैब के नजदीक है। दुनिया के कई वैज्ञानिकों ने दावा किया कि वायरस वुहान की इसी लैब में बनाया गया था, जो बाद में लीक होकर बाजार में फैला। चीन पर ये भी आरोप लगे कि उसने दुनिया से वायरस के फैलने की बात छिपाए रखी, अगर वो सही वक्त पर इसकी जानकारी दे देता, तो इसे फैलने से रोका जा सकता था।