हिंद महासागर में आ रहा चीन का ताकतवर जासूसी जहाज, भारत की हर गतिविधि पर रहेगी नजर! हमारी नौसेना तैयार
चीनी सेना का शक्तिशाली जासूसी जहाज यूआन वांग 6 एक बार फिर से हिंद महासागर में प्रवेश कर रहा है। चीन के इस जहाज के अचानक से हिंद महासागर में आने से उसकी मंशा को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
China ship in Indian Ocean: चीन हिंद महासागर में अपनी दखल को लगातार बढ़ा रहा है। ऐसे में भारतीय तटरक्षकों के लिए परेशानियां बढ़ गई हैं। हालांकि भारत बड़ी मुस्तैदी से चीन की हर हरकत पर नजर रख रहा है। भारत के पास चीन की पनडुब्बियों को मजा चखाने वाली तैयारियां भी हैं, लेकिन चीन का शक्तिशाली जहाज हिंद महासागर से भारत की समुद्रिक गतिविधियों पर जासूसी नजर रखने की हिमाकत में जुटा रहता है। आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च होने वाले सैटेलाइट भी उसके जासूसी जहाज की नजर में आ सकते हैं। वहीं हंबनटोटा जैसे श्रीलंका के बंदरगाह पर भी चीन का जहाज भारत के ऐतराज के बावजूद आया था। ऐसे में भारतीय नौसेना भी एक्शन में आ गई है।
चीन के इस जहाज के अचानक से हिंद महासागर में आने से उसकी मंशा को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले इसी तरह का चीनी जासूसी जहाज श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पहुंचा था। इसको लेकर काफी विवाद हुआ था। भारत और अमेरिका के विरोध के बाद भी श्रीलंका की सरकार ने चीनी जहाज को अपने बंदरगाह पर आने दिया था। चीन अक्सर अपने युद्धपोत को हिंद महासागर में भेजता रहता है और भारत को उन पर नजर रखनी पड़ती है।
युआन वांग 6 हिंद महासागर में कर रहा प्रवेश
चीनी सेना का शक्तिशाली जासूसी जहाज यूआन वांग 6 एक बार फिर से हिंद महासागर में प्रवेश कर रहा है। किलर मिसाइल से लेकर अंतरिक्ष में सैटलाइट तक की निगरानी करने वाला यह चीनी जहाज इंडोनेशिया के सुंडा जलसंधि के रास्ते हिंद महासागर में प्रवेश कर रहा है। इस जहाज का वजन 22 हजार टन है और इसे चीन की सेना पीएलए नेवी संचालित करती है। यह जहाज अपने शक्तिशाली रडार की मदद से लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल के रास्ते और सैटलाइट लॉन्च को आसानी से ट्रैक कर सकता है। इस जहाज के एक बार फिर से हिंद महासागर में घुसने से भारत की टेंशन बढ़ गई है। वह भी तब जब अगले एक महीने तक भारत चंद्रयान-3 को लैंड कराने की तैयारी कर रहा है।
भारतीय नौसेना एक्शन के मोड में
चीन के जासूसी जहाज के घुसने पर भारत की नौसेना भी ऐक्शन में आ गई है। हिंद महासागर में भारत के हित काफी अहम हैं और यही वजह है कि भारत लगातार इस जहाज की निगरानी कर रहा है। दक्षिण चीन सागर के बाद चीन लगातार हिंद महासागर पर अपनी नजरें गड़ाए हुए है। यही वजह है कि वह अफ्रीका में अपने जिबूती स्थित नेवल बेस को मजबूत कर रहा है। यही नहीं पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को नेवल बेस में बदलने की तैयारी है। यही वजह है कि भारत लगातार अपनी नेवल पावर को बढ़ा रहा है ताकि चीनी ड्रैगन पर लगाम बनाए रखी जाए।
भारत का सी गार्डियन ड्रोन है पूरी तरह तैनात
भारत ने अभी हाल ही में अमेरिका से सी गार्डियन ड्रोन खरीदा है और पी8 आई विमान लगातार हिंद महासागर की गश्त करते रहते हैं। ये जहाज चीनी पनडुब्बियों का शिकार करने की क्षमता से लैस हैं। यूआन वांग श्रेणी के कई ट्रैकिंग शिप हैं जो चीन के स्पेस प्रोग्राम और सैटलाइट कम्युनिकेशन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। इसमें अत्याधुनिक ट्रैकिंग और कम्युनिकेशन सिस्टम लगा हुआ है जिसकी मदद से ये जहाज सैटलाइट लॉन्च, मिसाइल टेस्ट और अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले मिशन के समय में महत्वपूर्ण सहायता मुहैया कराते हैं।