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China On Kashmir: चीन का कश्मीर को लेकर बड़ा बयान, कहा- भारत और पाकिस्तान बातचीत के जरिए सुलझाएं कश्मीर मुद्दा

China On Kashmir: चीन ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के तीन साल होने पर शुक्रवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर अपने मतभेदों को बातचीत और परामर्श के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए।

Chinese President Xi Jinping(File Photo)- India TV Hindi Image Source : PTI Chinese President Xi Jinping(File Photo)

China On Kashmir: चीन ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के तीन साल होने पर शुक्रवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर अपने मतभेदों को बातचीत और परामर्श के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए। अगस्त 2019 में, भारत सरकार ने संविधान के आर्टिकल 370 के प्रावधानों को खत्म कर दिया था। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया गया था। भारत द्वारा आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने के तीन साल होने पर टिप्पणी करने को कहे जाने पर, चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस मुद्दे को भारत और पाकिस्तान द्वारा बातचीत के माध्यम से शांति से हल किया जाना चाहिए। 

"कश्मीर के मुद्दे पर, चीन की स्थिति स्पष्ट और सुसंगत है"

प्रवक्ता हुआ ने यहां एक पाकिस्तानी पत्रकार से कहा, ‘‘कश्मीर के मुद्दे पर, चीन की स्थिति स्पष्ट और सुसंगत है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच इतिहास का शेष मुद्दा है और यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय का एक साझा दृष्टिकोण भी है।’’ हुआ ने कहा, ‘‘तीन साल पहले, दरअसल, हमने पहले ही कहा था कि संबंधित पक्षों को संयम और समझदारी दिखाते हुए यथास्थिति को बदलने या तनाव बढ़ाने के लिए एकतरफा कार्रवाई करने से बचना चाहिए।’’ 

"दोनों पक्षों से क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील करते हैं"

हुआ ने कहा, ‘‘हम दोनों पक्षों से क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए बातचीत और परामर्श के माध्यम से विवाद को सुलझाने का आह्वान करते हैं।’’ भारत पहले कई बार कह चुका है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से संबंधित मामले पूरी तरह से भारत के आंतरिक मामले हैं। विदेश मंत्रालय ने इस साल मार्च में कहा था, ‘‘चीन सहित अन्य देशों को टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें ध्यान देना चाहिए कि भारत भी उन देशों के अंदरूनी मसलों पर सार्वजनिक बयान देने से परहेज करता है।’’ 

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