China News: चीन के हेनान प्रान्त की सड़कों पर सेना के टैंक उतर आए हैं। ये टैंक किसी दुश्मन के लिए नहीं बल्कि अपने ही देश के नागरिकों के लिए उतारे गए हैं। इन टैंको का खौफ दिखाकर चीनी सरकार लोगों के विरोध-प्रदर्शन को दबाना चाह रही है। यहां के लोग सरकार के उस फैसले का विरोध कर रहे हैं, जिसमें बैक में जमा आम लोगों के पैसों को निकालने से रोक लगा दी गई है।
फंस गई है लोगों की जमापूंजी
चीन के हेनान प्रांत के अधिकारियों ने यहां गांव के चार बैंकों से पैसे निकालने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इससे यहां के लोगों की जमापूंजी बैंक में ही फंस गई है। जिस वजह से लोग परेशान हैं। गौरतलब है कि कुछ ऐसा ही पिछले वर्ष झेंगझू शहर में हुआ था। तब लोगों को बैंको में जमा लाखों डॉलर की जमापूंजी को निकालने पर रोक लगा दी गई थी। पैसे न निकाल पाने पर लोगों ने प्रदर्शन किए थे। 10 जुलाई को हजारों जमाकर्ता बैंक के सामने जुटे थे, जिसे अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन माना जा रहा है। लोगों की नारेबाजी और प्रदर्शन के बीच सादे कपड़ों में आए कुछ लोगों ने जिनके बारे में संदेह है कि यह चीनी सेना के लोग थे, इस प्रदर्शन को दबा दिया था।
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15 जुलाई तक कुछ लोगों को मिले पैसे
वहीं हेनान प्रांत के फाइनेंशियल सुपरविजन ब्यूरो के मुताबिक कुछ जमाकर्ताओं को 15 जुलाई तक पैसे मिलने थे। लेकिन मीडिया में आई खबरों एक अनुसार, इसमें भी महज कुछ ही लोगों अपने पैसे मिल पाए हैं। चीन की सरकारी मीडिया में भी लोगों के रोके गए पैसों को जारी करने के बारे में कोई समाचार नहीं है। वहीं यह प्रदर्शन ऐसे वक्त पर हो रहे हैं जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने तीसरे कार्यकाल की तैयारी में हैं।
थियामेन चौक की घटना से की जा रही तुलना
वहीं हेनान प्रान्त की सड़कों पर उअतरे सेना के टैंक उतरने की घटना को थियामेन चौक की घटना की तरह मां रहे हैं। गौरतलब है कि 4 जून, 1989 को चीनी सरकार ने प्रदर्शनकारी छात्रों का क्रूरतापूर्वक दमन कर दिया था। तब टैंकों और आर्मी हथियार बीजिंग के थियानमेन चौक की तरफ आए थे। इन हथियारों से निहत्या प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसाई गई थीं। इस दौरान सैनिकों समेत 241 लोग मारे गए थे और हजारों लोग घायल हुए थे।
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