तोक्यो: अमेरिका लगातार चीन को घेरने की कोशिश कर रहा है और उसके द्वारा उठाए गए कुछ हालिया कदम इस बात की पुष्टि भी करते हैं। वहीं, दूसरी तरफ चीन भी समय-समय पर अमेरिका को अपनी ताकत का अहसास कराने की कोशिश करता रहता है। अभी हाल में जब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन जब जापान में मौजूद थे, जब चीन और रूस के लड़ाकू विमानों ने संयुक्त रूस से उड़ान भरी थी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस तरह ये दोनों देश अमेरिका को अपनी एकजुटता का अहसास दिलाना चाहते थे।
अमेरिका और जापान की चीन को ‘चेतावनी’
रूस और चीन के बमवर्षक विमानों की संयुक्त उड़ान के जवाब में अब जापान और अमेरिका ने जापान सागर के ऊपर अपने लड़ाकू विमानों की संयुक्त उड़ान को अंजाम दिया है। साफतौर पर अमेरिका और जापान की तरफ से यह चीन को चेतावानी है कि यदि उसने इलाके में अपनी हदें पार कीं तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। जापान के रक्षा बलों ने गुरुवार को कहा कि बुधवार को अमेरिका और जापान के 8 लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी। उन्होंने कहा कि इनमें अमेरिका के F-16 और जापान के F-15 लड़ाकू विमान शामिल थे।
उत्तर कोरिया ने समुद्र में दागी थीं 3 मिसाइलें
जापान की सेना ने एक बयान में कहा कि संयुक्त उड़ान दोनों सेनाओं की संयुक्त क्षमताओं की पुष्टि करने तथा जापान-अमेरिका गठबंधन को और मजबूत करने के लिए थी। उत्तर कोरिया ने कुछ घंटों पहले ही कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के बीच समुद्र की ओर एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल सहित 3 मिसाइलें दागी थीं। साथ ही यह आशंका भी जताई जा रही है कि किम जोंग उन एक और परमाणु परीक्षण कर सकते हैं। नॉर्थ कोरिया द्वारा मिसाइलों को दागे जाने के कुछ घंटे बाद अमेरिका और जापान के विमानों ने उड़ान भरी।
क्वाड समिट में हिस्सा लेने गए थे बायडेन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया द्वारा दागी गईं मिसाइल जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र के बाहर पानी में गिरीं। जापान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन और रूस के बमवर्षक विमानों ने मंगलवार को जापान के पास संयुक्त उड़ान भरी। उस समय बायडेन तोक्यो में जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, भारत और ऑस्ट्रेलिया के अपने समकक्षों के साथ क्वाड गठबंधन की बैठक में थे जिसे क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को चुनौती देने वाला गठबंधन माना जाता है।
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