China News: ताइवान को आंख दिखाने वाले चीन भीषण गर्मी के कारण हाहाकार मचा हुआ है। हालात यह हैें कि चीन भीषण गर्मी के 144 साल के सबसे बुरे दौर में पहुंच गया है। चीन की जीवनरेखा माानी जाने वाली यहां की सबसे बड़ी यांग्त्जी समेत 66 नदियां लगभग सूख गईं हैं। दूसरी ओर आसमान से भी आग बरस रही है। यानी रिकॉर्ड गर्मी पड़ रही है। इस बारे में चीन के जल संसाधन मंत्रालय का कहना है कि यांग्त्जी नदी के ऊपरी हिस्सों में जलस्तर अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। यही वह नदी है, जिसके जरिए आधी से ज्यादा आबादी को पीने का पानी मिलता है। इसके अलावा इसी नदी के पानी से हाइड्रोपावर, ट्रांसपोर्ट का काम भी होता है। चीन की खेती भी इस नदी के पानी की सिंचाई पर निर्भर है।
क्यों हुई चीन की ऐसी स्थिति?
द वॉल स्ट्रीट जनरल ने इसको लेकर रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक चीन में इस बार 40% कम बारिश हुई है। यह 1961 के बाद से सबसे कम है। ऊपर से लगातार गर्मी बढ़ रही है। चीन के कई शहरों में तापमान 49 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
गर्मी के चलते बिजली की खपत भी बढ़ गई तो हाइड्रोपावर से बनने वाली बिजली का उत्पादन घट गया। गर्मी का असर खेती पर भी पड़ा है। खेती के लिए पानी की मांग बढ़ गई है। नदियों से सिंचाई के लिए ज्यादा पानी लिया गया। इसके चलते चीन की सबसे बड़ी नदी यांग्त्जी कई जगह पूरी तरह से सूख गई है। इसका आकार भी काफी घट गया है। इसके अलावा 66 अन्य नदियां भी पूरी तरह से सूख गईं हैं।
किन-किन प्रांतों में हालात खराब?
चीन के जियांगसी प्रांत में इस साल भयंकर सूखे से पोयांग झील का आकार सिकुड़ कर एक चौथाई रह गया है। वहीं, चोंगक्विंग क्षेत्र में इस साल 60 फीसदी कम बारिश हुई है। चोंगक्विंग के उत्तर में स्थित बयबे जिले में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया है।
चीन के 34 प्रांतों की 66 नदियां सूख गईं
चीन के बेहद गर्म स्थान जो हैं, उनमें आधा दर्जन के करीब चोंगक्विंग में हैं। यहां भीषण गर्मी से हालात बुरे हो गए हैं। जंगलों आग लग रही हैं। दक्षिण पश्चिम चीन के 34 प्रांतों की करीब 66 नदियां भीषण गर्मी के कारण सूख गई हैं। यही हाालत शिचुआन और हुबेई प्रांत के भी हैं। यहां लोगों को पीने के पानी के लिए भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
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