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Hindi News विदेश एशिया China: चीन के मशहूर 'आइलैंड' पर फंसे 80 हजार लोग, वापस घर नहीं जाने दे रही सरकार, आखिर क्या है कारण?

China: चीन के मशहूर 'आइलैंड' पर फंसे 80 हजार लोग, वापस घर नहीं जाने दे रही सरकार, आखिर क्या है कारण?

China Lockdown: सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में यात्रियों को ये कहते सुना जा सकता है कि वह घर जाना चाहते हैं। ठीक इसी समय, एयरपोर्ट के अधिकारी लोगों से मेगाफोन पर उन्हें वापस अपने होटल लौटने को कह रहे हैं।

China Lockdown Tourists Hainan- India TV Hindi Image Source : ANI China Lockdown Tourists Hainan

Highlights

  • चीन में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामले
  • चीन के हैनान प्रांत में फंसे हजारों पर्यटक
  • पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है हैनान द्वीप

China Lockdown: चीन के हैनान में 80 हजार पर्यटक फंसे हुए हैं और इन्हें घर नहीं जाने दिया जा रहा है। यह देश का मशहूर द्वीप यानी आइलैंड है। इसके पीछे की वजह कोरोना वायरस महामारी बताई जा रही है। ये जानकारी चीन की सरकारी मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है। जर्मनी की समाचार एजेंसी डीपीए ने रविवार को सरकारी मीडिया के हवाले से बताया है कि द्वीप पर कोविड-19 के मामले दर्ज होने के बाद सान्या शहर में विमान और रेल सेवा रद्द कर दी गई हैं। इस स्थान को आमतौर पर 'चीन का हवाई' भी कहा जाता है। जैसे ही कोरोना वायरस के मामले सामने आते हैं, चीन तत्काल प्रभाव से लॉकडाउन लागू कर देता है। जिसे वो जीरो-कोविड पॉलिसी बताता है।

सान्या के डिप्टी मेयर का कहना है कि शहर में 80,000 से अधिक पर्यटक हैं। सरकारी टेलीविजन के मुताबिक, शहर के सभी सार्वजनिक वाहनों को शनिवार को सस्पेंड कर दिया गया। जबकि रविवार को सान्या एयरपोर्ट पर सभी उड़ानों को भी रद्द किया गया। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में यात्रियों को ये कहते सुना जा सकता है कि वह घर जाना चाहते हैं। ठीक इसी समय, एयरपोर्ट के अधिकारी लोगों से मेगाफोन पर उन्हें वापस अपने होटल लौटने को कह रहे हैं।

2 लाख से अधिक मामले मिले

महामारी की शुरुआत के बाद से चीन में कोरोना वायरस के कुल 2,30,886 मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि इस दौरान संक्रमण से 5,226 मरीजों की मौत हुई है। जब पूरी दुनिया में वायरस के कारण हाहाकार मचा था, तब चीन में लोगों ने पहले की तरह सामान्य जिंदगी जीना शुरू कर दिया था। लेकिन अब जब पूरी दुनिया वायरस के प्रकोप को नियंत्रित कर चुकी है, तो चीन में दोबारा मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है। बीते महीने बीजिंग और शांक्सी में ओमिक्रॉन के नए रूप सामने आए हैं।

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बीजिंग ने उपायों की घोषणा की

चीन की राजधानी बीजिंग ने वायरस से बचाव के लिए नए उपाय अपनाने की घोषणा की है। जिसके तहत लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर अपने टीकाकरण का सबूत दिखाना होगा। इससे पहले बीते महीने के आखिर में चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई से खबर आई थी कि यहां दो महीने के लॉकडाउन के बाद कोविड-19 का स्थानीय स्तर पर संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आने के बाद होटल-रेस्तरां में खानपान की अनुमति दी जा रही है और डिजनी रिजॉर्ट थीम पार्क को फिर से खोला जा रहा है।

अधिकारियों ने नीति की सराहना की

चीन के अधिकारियों ने कोरोना वायरस के प्रसार और उसकी वजह से होने वाली मौतों पर अंकुश लगाने के लिए अपनी ‘कोई कोविड नहीं’ की कठोर नीति की सराहना की है। हालांकि इस नीति के कारण चीन की अर्थव्यवस्था को भारी कीमत चुकानी पड़ी और चीन की विनिर्माण एवं नौवहन क्षमता पर निर्भर अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला पर बुरा असर पड़ा। चीन ने बार-बार इस नीति का बचाव किया है और ऐसे संकेत हैं कि वह कम से कम 2023 के वसंत ऋतु तक इसे जारी रखेगा। संभावना है कि तब तक राष्ट्रपति शी जिनिपंग की दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के प्रमुख (राष्ट्रपति) के तौर पर तीसरे कार्यकाल के लिए ताजपोशी हो जाएगी।

शी जिनपिंग ने की थी पॉलिसी की तारीफ

समाचार एंजेंसी शिन्हुआ के अनुसार शी ने कहा था कि वायरस के विरूद्ध चीन की नीति (जीरो कोविड पॉलिसी) ने ‘काफी हद तक लोगों की जान और स्वास्थ्य की रक्षा की है।’ शंघाई और अन्य शहरों में पाबंदियों में ढील के बावजूद ज्यादातर सार्वजनिक स्थानों पर आने-जाने के लिए मोबाइल फोन में कोविड की निगेटिव जांच रिपोर्ट रखना अब भी आवश्यक है।

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