चीन ने मंगलवार को अपने नागरिकों को जल्द से जल्द अफगानिस्तान छोड़ने की सलाह दी है। यहां इस्लामिक स्टेट ने काबुल में चीनी लोगों के होटल पर हमला कर दिया था। चीन ने ऐसे वक्त पर एडवाइजरी जारी की है, जब तालिबान अफगानिस्तान की डूब चुकी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए विदेशी निवेश को आकर्षित करने की कोशिशें कर रहे हैं। चीन ने भी तालिबान सरकार की सहायता के लिए करोड़ों डॉलर का पैकेज दिया है। इसके एवज में तालिबान सरकार ने कई खदानों के पट्टे चीन को दे दिए थे। बता दें तालिबान ने एक साल पहले अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया था।
ISIS ने ली चीनी नागरिकों पर हमले की जिम्मेदारी
तालिबान के मुख्य प्रतिद्वंद्वी इस्लामिक स्टेट ने सोमवार को काबुल के लोंगन होटल पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली है। इस हमले में तीन हमलावर मारे गए और कम से कम दो मेहमान मारे गए, जिन्होंने इमारत की खिड़की से कूदकर भागने की कोशिश की थी। सोशल मीडिया पर मौजूद तस्वीरों के मुताबिक, शार-ए-नौ स्थित होटल की 10 मंजिला इमारत से धुएं का गुबार उठता देखा गया। स्थानीय निवासियों के अनुसार, उन्होंने विस्फोट और गोलियों की आवाज भी सुनी।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मंगलवार को इस हमले को भीषण प्रकृति का बताया और कहा कि इससे चीन को गहरा दुख पहुंचा है। वांग ने बताया कि चीन ने एक विस्तृत जांच की मांग की है और तालिबान सरकार से "अफगानिस्तान में चीनी नागरिकों, संस्थानों/प्रतिष्ठानों और परियोजनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस उपाय करने को कहा है।" वांग ने कहा कि काबुल में चीनी दूतावास ने भी हमले से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए एक दल भेजा है।
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