बीजिंग: चीन ने ताइवान में सत्ता बदलते ही उसकी सख्त घेराबंदी शुरू कर दी है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने ताइवान को हथियारों की बिक्री करने के लिए सोमवार को बोइंग और अमेरिका की दो रक्षा कंपनियों के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा की है। इसे ताइवान के साथ अमेरिका के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है। चीन ने यह प्रतिबंध ऐसे वक्त में लगाया है, जब लाई चिंग-ते ताइवान के नए राष्ट्रपति बने हैं। लाई चिंग-ते ने पूर्व राष्ट्रपति साई इंग बेन को रिप्लेस किया है।
लाई चिंग ते को चीन का प्रखर विरोधी नेता माना जाता है। ताइवान में लाई चिंग ते के शपथग्रहण के बाद से ही चीन ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। बीजिंग, ताइवान को हथियारों की बिक्री करने के लिए रक्षा कंपनियों के खिलाफ हाल के वर्षों में प्रतिबंधों की घोषणा कर चुका है। इसी कड़ी में चीन ने ये नये प्रतिबंध लागू किये हैं। ताइवान एक स्वशासित द्वीप है, जिसे चीन अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है।
इन कंपनियों पर लगाया बैन
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने बोइंग डिफेंस, स्पेस एंड सिक्योरिटी यूनिट, जनरल एटमिक एयरोनॉटिकल सिस्टम्स और जनरल डायनेमिक्स लैंड सिस्टम्स पर भविष्य में अपने देश में निवेश करने और कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन व अधिकारियों की यात्रा पर रोक लगा दी। चीन ने इन तीनों कंपनियों को 'अविश्वसनीय संस्थाओं' की सूची में भी डाल दिया। ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने उन्नत लड़ाकू विमानों और अन्य प्रौद्योगिकी के आयात व अपने घरेलू रक्षा उद्योग को मजबूत कर देश की सुरक्षा को मजबूत करने का संकल्प लिया है। चीन ने अप्रैल में जनरल एटमिक एयरोनॉटिकल सिस्टम्स और जनरल डायनेमिक्स लैंड सिस्टम्स की परिसंपत्तियों पर रोक लगा दी थी। (एपी)
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