चीन ने हासिल कर ली यह विशेष "चिप" तो खतरे में होगी दुनिया, जापान-नीदरलैंड और अमेरिका रोकने में जुटे
दुनिया में सबसे अधिक चालबाज, धोखेबाज और पैंतरेबाज व शातिर चीन इन दिनों एक ऐसी विशेष चिप हासिल करने में जुटा है, जिसके बारे में जानकर दुनिया हैरान रह गई है। यदि चीन ने यह चिप हासिल कर लिया तो वह दुनिया के लिए खतरा बन सकता है। चीन के इस सीक्रेट प्लान के बारे में जानकारी होते ही अमेरिका समेत अन्य देश भी अलर्ट हो गए हैं।
Japan-Netherlands & US Against China Chip: दुनिया में सबसे अधिक चालबाज, धोखेबाज और पैंतरेबाज व शातिर चीन इन दिनों एक ऐसी विशेष चिप हासिल करने में जुटा है, जिसके बारे में जानकर दुनिया हैरान रह गई है। यदि चीन ने यह चिप हासिल कर लिया तो वह दुनिया के लिए खतरा बन सकता है। चीन के इस सीक्रेट प्लान के बारे में जानकारी होते ही अमेरिका समेत अन्य देश भी अलर्ट हो गए हैं। ड्रैगन को यह विशेष चिप हासिल करने से रोकने के लिए अमेरिका, नीदरलैंड और जापान ने मिलकर इसके खिलाफ कार्य करने की योजनार बनाई है।
आपको बता दें कि जिस विशेष चिप को हासिल करने में चीन जुटा है, उसका इस्तेमाल आधुनिक कंप्यूटर बनाने में होता है। अमेरिकी प्रशासन के अनुसार इस चिप का इस्तेमाल घातक हथियार बनाने से लेकर, सैन्य साजो सामान की गति और सटीकता का आकलन व सुधार करने व मानवाधिकारों का उल्लंघन करने में किया जा सकता है। चीन इन सभी विधाओं का माहिर खिलाड़ी है। वह मानवाधिकारों का उल्लंघन करने से लेकर घातक हथियार बनाने और दूसरे देशों के सैन्य साजो-सामान की क्षमता पर नजर रखने से भी बाज नहीं आता। यदि उसने यह विशेष चिप हासिल कर ली तो इससे दुनिया भर के देशों की सुरक्षा खरते में पड़ सकती है।
जापान-नीदरलैंड और अमेरिका हुए एक साथ
खुफिया रिपोर्टों से मिली जानकारी के अनुसार चीन को यह विशेष चिप हासिस करन से रोकने के लिए जापान और नीदरलैंड ने अमेरिका के साथ एक समझौता किया है। हालांकि इन देशों ने अभी तक समझौते की औपचारिक घोषणा नहीं की है। आपको बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने चीन को आधुनिक चिप पाने से रोकने के लिए अक्टूबर में ही शिकंजा कसना शुरू कर दिया था और उसने निर्यात नियंत्रण लागू कर दिया था। बाइडन प्रशासन के आधुनिक चिप का चीन गलत इस्तेमाल कर सकता है। इसलिए अमेरिका समेत दूसरे देश भी चिंता में पड़ गए हैं। अमेरिका के इस कदम से चीन बौखला गया है। उसने इस पर आक्रामक प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि व्यापार पर प्रतिबंध लगाए जाने से आपूर्ति श्रृंखला औरक वैश्विक अर्थव्यवस्था की बहाली करना बहुत मुश्किल हो जाएगा।
सेमी कंडक्टर तकनीकि पर निर्यात नियंत्रण से बौखलाया चीन
अमेरिकी ने चीन की चाल को समझते हुए सेमी कंडक्टर तकनीकि पर निर्यात नियंत्रण लागू कर दिया है। इससे चीन चिंता में पड़ गया है। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने शुक्रवार को कहा कि पुर्तगाल और जापान के अधिकारी राष्ट्रपति जो बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान की अगुवाई वाली वार्ता के लिए वाशिंगटन में मौजूद थे। किर्बी ने इस बैठक में सेमी कंडक्टर तकनीकि के निर्यात नियंत्रण पर फिलहाल चर्चा होने की बात से ही इनकार कर दिया है। मगर चीन इस बात से वाकिफ है कि अमेरिका ने उसकी चूड़ी कस दी है। इससे चीन की चाहत चकनाचूर होती दिख रही है। किर्बी ने बताया कि जो बाइडन के साथ हुई बैठक में उभरती प्रौद्योगिकियों की सुरक्षा करने, यूक्रेन की मदद करने सहित कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई है।
बता दें कि इसी महीने बाइडन ने निर्यात नियंत्रण को मजबूती देने के लिए जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और पुर्तगाली प्रधानमंत्री मार्क रुत से वार्तालाप किया था। नीदरलैंड की सेमीकंडक्टर उत्पादन उपकरण की प्रमुख निर्माता कंपनी एएसएमएल ने रविवार को बताया कि उसे इस बारे में कोई सूचना नहीं है। एएसएमएल ऐसी मशीनों की दुनिया की एकमात्र निर्माता कंपनी है जो आधुनिक सेमीकंडक्टर चिप बनाने के लिए अत्यधिक पराबैंगनी लिथोग्राफी का इस्तेमाल करती है। चीन की चाल को समझ लेने के बाद पुर्तगाल सरकार ने भी 2019 के बाद से ही चीन को ऐसे उपकरणों का निर्यात करने से रोक दिया है। हालांकि कहा जाता है कि इसके बावजूद यह कंपनी चीन को कम गुणवत्ता के लिथोग्राफी उपकरण भेजती आ रही है।
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