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Hindi News विदेश एशिया चीन की 'खतरनाक' नीति, अमेरिका ने तैनात किए नौसेना के जहाज और लड़ाकू विमान

चीन की 'खतरनाक' नीति, अमेरिका ने तैनात किए नौसेना के जहाज और लड़ाकू विमान

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता तथा उड़ान की स्वतंत्रता का समर्थन करना जारी रखेगा। उसने इस क्षेत्र में गश्त के लिए नौसेना के जहाज और लड़ाकू विमान तैनात कर दिए हैं।

Antony Blinken- India TV Hindi Image Source : FILE AP Antony Blinken

विएंतियान, लाओस: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शुक्रवार को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के नेताओं से कहा कि अमेरिका विवादित दक्षिण चीन सागर में बीजिंग की “बढ़ती खतरनाक और गैरकानूनी” गतिविधियों को लेकर चिंतित है। ब्लिंकन ने आसियान की वार्षिक शिखर बैठक के दौरान संकल्प व्यक्त किया कि अमेरिका महत्वपूर्ण समुद्री व्यापार मार्ग में नौवहन की स्वतंत्रता को बनाए रखना जारी रखेगा। 

अमेरिका ने साफ कर दिया रुख

राष्ट्रपति जो बाइडेन की तरफ से सम्मेलन में भाग ले रहे ब्लिंकन ने अमेरिका-आसियान शिखर सम्मेलन में अपने शुरुआती संबोधन में कहा, “हम दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती खतरनाक और गैर-कानूनी गतिविधियों को लेकर बहुत चिंतित हैं, जिनकी वजह से लोग घायल हुए हैं, आसियान देशों के जहाजों को नुकसान पहुंचा है और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान से जुड़ी प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन हुआ है।” उन्होंने कहा, “अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता तथा उड़ान की स्वतंत्रता का समर्थन करना जारी रखेगा।” दक्षिण चीन सागर पर अमेरिका का कोई दावा नहीं है, लेकिन उसने चीन के दावों को चुनौती देने के लिए इस क्षेत्र में गश्त के वास्ते नौसेना के जहाज और लड़ाकू विमान तैनात कर दिए हैं।

जानें चीन का दावा

दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के 10 सदस्य देशों के नेताओं की ब्लिंकन के साथ बैठक, चीन और आसियान सदस्यों फिलीपींस और वियतनाम के बीच समुद्र में हिंसक टकरावों की एक शृंखला के बाद हुई है, जिससे यह चिंता बढ़ गई है कि जलमार्गों में चीन की बढ़ती आक्रामक कार्रवाइयां पूर्ण पैमाने पर संघर्ष में बदल सकती हैं। चीन लगभग पूरे समुद्र पर अपना दावा करता है, जबकि आसियान के सदस्य वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया और ब्रुनेई के साथ-साथ ताइवान के भी इसे लेकर अपने-अपने दावे हैं। 

चीन ने किया क्या है?

वैश्विक व्यापार का लगभग एक तिहाई हिस्सा समुद्र से होकर गुजरता है, जो मछलियों, गैस और तेल से भी समृद्ध है। बीजिंग ने हेग स्थित संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध अदालत के 2016 के उस अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता फैसले को मंजूर करने से इनकार कर दिया है, जिसके तहत अदालत ने चीन के व्यापक दावों को अमान्य कर दिया था। इतना ही नहीं, चीन ने अपने नियंत्रण वाले द्वीपों पर निर्माण कार्य और सैन्यीकरण कर दिया है। (एपी)

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