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चीन: शुरू हो गया चैटजीपीटी का दुरुपयोग, फर्जी ट्रेन हादसे की खबर फैलाने के आरोप में पहली गिरफ्तारी

उत्तर पश्चिम गांसू प्रांत की पुलिस ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि हांग उपनाम वाले संदिग्ध को ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी' का इस्तेमाल कर फर्जी और झूठी सूचना’ गढ़ने के आरोप में हिरासत में लिया गया है।

चीन: शुरू हो गया चैटजीपीटी का दुरुपयोग, फर्जी ट्रेन हादसे की खबर फैलाने के आरोप में पहली गिरफ्तारी- India TV Hindi Image Source : FILE चीन: शुरू हो गया चैटजीपीटी का दुरुपयोग, फर्जी ट्रेन हादसे की खबर फैलाने के आरोप में पहली गिरफ्तारी

बीजिंग: चीन की पुलिस ने कथित तौर पर ऑनलाइन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च फर्म यानी चैटजीपीटी का इस्तेमाल कर ट्रेन दुर्घटना की ‘फर्जी सूचना’ गढ़ने और विभिन्न सोशल मीडिया खातों के माध्यम से प्रसारित करने के आरोप में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि चीन में चैटजीपीटी के दुरुपयोग के मामले में यह पहली गिरफ्तारी है। उत्तर पश्चिम गांसू प्रांत की पुलिस ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि हांग उपनाम वाले संदिग्ध को ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर फर्जी और झूठी सूचना’ गढ़ने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। 

हांगकांग से प्रकाशित साउथ मॉर्निंग पोस्ट अखबार में सोमवार को प्रकाशित खबर के मुताबिक काउंटी पुलिस ब्यूरो के साइबर प्रकोष्ठ का सबसे पहले ध्यान इस खबर पर गया जिसमें दावा किया गया था कि 25 अप्रैल को लोकल ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने से नौ लोगों की मौत हुई थी।

अखबार के मुताबिक कांगटांग काउंटी के साइबर सुरक्षा अधिकारियों ने पाया कि यह रेल दुर्घटना संबंधी खबर ‘बाइजियाहो’पर 20 से अधिक खातों के माध्यम से प्रसारित की गई है। उल्लेखनीय है कि ‘बाइजियाहो’ ब्लॉग सरीखा मंच है जिसका संचालक चीन का सर्च इंजन ‘बाइदू’है। अखबार के मुताबिक जब अधिकारियों का ध्यान इस लेख की ओर गया तब तक 15 हजार से अधिक उपयोगकर्ता इसे पसंद कर चुके थे। 

गांसू के जन सुरक्षा विभाग ने कहा कि हांग पर ‘संघर्ष को बढ़ावा देने और झगड़े को उकसाने’ का अपराध करने का संदेह है और अपराध साबित होने पर अधिकतम पांच साल कैद की सजा हो सकती है। उन्होंने कहा, हालांकि, मामले के गंभीर पाए जाने पर दोषी को 10 साल तक कैद हो सकती है और उसे अतिरिक्त जुर्माना भरना पड़ सकता है। साउथ मार्निंग पोस्ट अखबार के अनुसार इस साल जनवरी में ‘फर्जी’ जानकारी प्रसारित करने वाली प्रौद्योगकियों को विनियमित किए जाने के बाद पहली बार है जब चीन के अधिकारियों ने ऐसे मामले में किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी की जानकारी सार्वजनिक की है। 

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