Bangladeh-China-India: चीन भारत के पड़ोसी देशों पर डोरे डाल रहा है। पहले श्रीलंका, पाकिस्तान, फिर नेपाल और अब बांग्लादेश पर भी चीन डेवलपमेंट के नाम पर धोखाधड़ी कर रहा है। चीन ने बांग्लादेश में एक सबमरीन स्टेशन बनाया है। बांग्लादेश में यह पनडुब्बी स्टेशन चीन की मदद से बनाया गया है तो ऐसे में यह संभव है कि आने वाले समय में इस सबमरीन स्टेशन पर चीन भी अपनी पनडुब्बियों 'डॉक' कर सकता है। इससे बंगाल की खाड़ी में भारत की स्ट्रेटेजी पर चीन की जासूसी का खतरा और बढ़ गया है।
भारत की बढ़ी चिंता
भारत के पूर्वी नौसेना कमान से इसकी निकटता को देखते हुए चिंता जताई जा रही है, जहां एक परमाणु पनडुब्बी का निर्माण किया जा रहा है। खतरा इस बात का है कि बंगाल की खाड़ी में बांग्लादेश की नौसेना को चीन की मदद क्षेत्र में चीनी पनडुब्बी गतिविधियों को बढ़ावा देगी और खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए एक मोर्चे के रूप में काम करेगी।
हाल ही में चीन ने अपनी चीन निर्मित पनडुब्बियों के लिए एक सबमरीन बेस बनाने में बांग्लादेश की मदद की। दुनिया के समस्त व्यापार का आधा समुद्री मार्गों से होकर जाता है जो चीन, जापान, कोरिया को मिडिल ईस्ट और अफ्रीका से जोड़ते हैं, जो बंगाल की खाड़ी के शीर्ष पर स्थित हैं। यह क्षेत्र स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र की अमेरिकी रणनीति के लिए बेहद अहम है जो चीन की महत्वाकांक्षाओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। भारत और इंडोनेशिया के बीच में स्थित यह दुनिया की सबसे बड़ी खाड़ी है। इसके तटीय देश बांग्लादेश, म्यांमार और श्रीलंका हैं। भारत तटीय देशों की सैन्य ताकत बढ़ा रहा है क्योंकि वह बंगाल की खाड़ी को अपने प्रभाव क्षेत्र के रूप में देखता है।
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने 'बीएनएस शेख हसीना' नाम का सबमरीन स्टेशन खोला है जो बांग्लादेश का पहला इस तरह का सबमरीन स्टेशन है। यहां 6 पनडुब्बियां और 8 नौसैनिक पोत एक बार में बर्थ कर सकते हैं। चूंकि बांग्लादेश ने इस स्टेशन का निर्माण चीन की मदद से किया है इसलिए एक दिन यहां चीनी पनडुब्बियां भी डॉक कर सकती हैं।
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