चीन ने अमेरिकी चिप पर लगाया बैन, माइक्रोन कंपनी ने G7 में भाग लेने की चुकाई कीमत?
चीन के साइबर स्पेस रेगुलेटर ने रविवार को ऐलान किया कि अमेरिका की सबसे बड़ी मेमोरी चिप बनाने वाली कंपनी "गंभीर नेटवर्क सुरक्षा खतरे" पैदा कर रही है।
चीन ने कहा है कि अमेरिका की दिग्गज मेमोरी चिप निर्माता कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी द्वारा बनाए गए चिप 'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा' हैं। चीन के साइबर स्पेस रेगुलेटर ने रविवार को ऐलान किया कि अमेरिका की सबसे बड़ी मेमोरी चिप बनाने वाली कंपनी "गंभीर नेटवर्क सुरक्षा खतरे" पैदा कर रही है। इसका मतलब ये हुआ कि माइक्रोन टेक्नोलॉजी के उत्पादों को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से बैन कर दिया जाएगा।
"माइक्रोन की चिप से चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावित"
बता दें कि चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बीच यह अमेरिकी चिप निर्माता के खिलाफ चीन का पहला बड़ा कदम है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साइबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ चाइना (CAC) ने एक बयान में कहा, "समीक्षा में ये पाया गया कि माइक्रोन के उत्पादों में गंभीर नेटवर्क सुरक्षा जोखिम हैं, जो चीन की महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना आपूर्ति श्रृंखला के लिए महत्वपूर्ण सुरक्षा जोखिम पैदा करते हैं, जिससे चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावित होती है।"
चिप माइक्रोन ने चीन के एक्शन पर क्या कहा
हालांकि, CAC ने उन जोखिमों का ब्योरा नहीं दिया जो उसने दावा किया था कि माइक्रोन उत्पादों या चिप में पाया गया था। वहीं दूसरी ओर अमेरिकी कंपनी माइक्रोन के एक प्रवक्ता ने बीबीसी को पुष्टि की कि कंपनी को "चीन में बेचे जाने वाले माइक्रोन उत्पादों की समीक्षा के बाद सीएसी का नोटिस मिला था"। उन्होंने कहा, "हम इसका मूल्यांकन कर रहे हैं और अपने अगले कदमों का आंकलन कर रहे हैं। हम चीनी अधिकारियों के साथ चर्चा जारी रखने के लिए भी तत्पर हैं।"
चिप के प्रतिबंधों का अमेरिका ने जताया विरोध
वहीं चीन के इस कदम के खिलाफ जवाब में, अमेरिकी सरकार ने कहा कि वह "चीन के कार्यों के कारण मेमोरी चिप बाजार की विकृतियों" को संबोधित करने के लिए सहयोगियों के साथ काम करेगी। अमेरिकी वाणिज्य विभाग के प्रवक्ता ने कहा, "हम उन प्रतिबंधों का दृढ़ता से विरोध करते हैं जिनका वास्तव में कोई आधार नहीं है।" उन्होंने आगे कहा, "यह कार्रवाई, हाल के छापे और अन्य अमेरिकी फर्मों के लक्ष्यीकरण के साथ, (चीन के) उस दावे के साथ असंगत है कि यह अपने बाजारों को खोल रहा है और एक पारदर्शी नियामक ढांचे के लिए प्रतिबद्ध है।"
G7 नेताओं की बैठक के बाद CAC की ये घोषणा
गौरतलब है कि CAC की ये घोषणा वाशिंगटन और बीजिंग के बीच चल रहे विवाद में एक और घटनाक्रम है, जिसमें अमेरिका द्वारा चीन के चिप बनाने वाले उद्योग के खिलाफ कई उपायों को लागू करना शामिल है। बता दें कि CAC की ये घोषणा जापान में G7 नेताओं की बैठक के एक दिन बाद हुई। इस बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया, जिसमें चीन की आलोचना करते हुए जिसमें कहा गया कि वह "आर्थिक जबरदस्ती" कर रहा है। गौर करने वाली बात ये भी है कि माइक्रोन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय मेहरोत्रा ने व्यापारिक नेताओं के एक समूह के हिस्से के रूप में हिरोशिमा में शिखर सम्मेलन में भाग लिया था।
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