ASEAN बैठक में भड़का चीन, क्षेत्रीय मामलों में “बाहरी ताकतों” को बताया हस्तक्षेप करने का दोषी
आसियान शिखर वार्ता में जब दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों ने चीन पर दक्षिण चीन सागर में दादागिरी का आरोप लगाया और उसे अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन की नसीहत दी तो वह भड़क गया। चीन ने इसके लिए बाहरी ताकतों को दोषी ठहरा दिया।
विएंतियाने (लाओस): दक्षिण पूर्व एशियाई देशों (ASEAN) के शिखर वार्ता में चीन ने क्षेत्रीय मामलों में बाहरी शक्तियों पर हस्तक्षेप करने का दोष मढ़ दिया है। आसियान नेताओं ने आज वार्षिक शिखर वार्ता के दौरान विवादित दक्षिण चीन सागर में झड़पों के बाद चीन पर अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करने के लिए दबाव बनाना चाहा, लेकिन चीन भड़क गया। चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने क्षेत्रीय मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए “बाहरी ताकतों” को दोषी ठहराया। ली के साथ दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के 10 सदस्यीय संघ (आसियान) की बैठक हाल में चीन और आसियान सदस्यों फिलीपीन और वियतनाम के बीच हिंसक झड़पों के बाद हुई।
इस दौरान मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने कहा कि संगठन ने दक्षिण चीन सागर को नियंत्रित करने के लिए आचार संहिता पर जल्द निष्कर्ष निकालने का आह्वान किया। आचार संहिता पर बातचीत कई साल से चल रही है, जिसमें कई पेचीदा मुद्दे शामिल हैं। इनमें इस बात को लेकर असहमति भी शामिल है कि क्या समझौता बाध्यकारी होना चाहिए। इब्राहिम अगले साल आसियान की अध्यक्षता संभालेंगे। मलेशिया की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी बरनामा के अनुसार, उन्होंने कहा कि आसियान ने रणनीतिक जलमार्ग में शांति और सुरक्षा बनाए रखने की आवश्यकता को दोहराया। लेकिन ली ने कहा कि विदेशी ताकतों के हस्तक्षेप से क्षेत्र में टकराव पैदा हो रहा है।
किसने क्या कहा?
चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के साथ ली ने कहा, "हमें यह समझना चाहिए कि हमारा विकास कुछ अस्थिर और अनिश्चित कारकों का भी सामना कर रहा है। खास कर बाहरी ताकतें अक्सर हस्तक्षेप करती हैं और एशिया में गुटीय टकराव और भू-राजनीतिक संघर्ष शुरू करने की भी कोशिश करती हैं।" उन्होंने विवादों के सौहार्दपूर्ण हल के लिए देशों के बीच अधिक संवाद का आह्वान किया। मगर चीनी पीएम ने विदेशी ताकतों का नाम नहीं लिया, लेकिन इससे पहले चीन ने अमेरिका को इस क्षेत्र से जुड़े विवादों में हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी दी है। नाम नहीं बताने के अनुरोध के साथ एक आसियान अधिकारी ने बताया कि फिलीपीन के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने बातचीत के दौरान ली से कहा कि आसियान-चीन सहयोग को समुद्री विवाद से अलग नहीं किया जा सकता है।
दक्षिण चीन सागर पर हक जताता है चीन
बता दें कि चीन दक्षिण चीन सागर पर अपना संपूर्ण हक जताता है। अन्य देश इसका विरोध करते रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि ली ने इसका जवाब देते हुए कहा कि दक्षिण चीन सागर "एक साझा क्षेत्र" है और चीन का दायित्व है कि वह अपनी संप्रभुता की रक्षा करे। लंबे समय से अमेरिका का सहयोगी फिलीपीन चीन को पीछे हटाने के लिए अधिक प्रयास नहीं करने को लेकर अन्य आसियान देशों की आलोचना करता रहा है। ली ने क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों के अलावा बीजिंग और आसियान के आर्थिक संबंधों पर भी जोर दिया तथा कहा कि व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना और विस्तृत बाजार बनाना बढ़ते व्यापार संरक्षणवाद के बीच आर्थिक समृद्धि की कुंजी है। (एपी)
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