गाजा में खत्म हुआ युद्धविराम...फिर छिड़ गया भीषण संग्राम, हमास के ठिकानों पर इजरायल के हवाई हमले से कोहराम
गाजा में युद्ध विराम की समय-सीमा खत्म होते ही इजरायल फिर से हमास आतंकियों पर टूट पड़ा है। इजरायली सेना ने शुक्रवार को हमास के ठिकानों पर कई भीषण हमले किए। इससे गाजा में फिर से कोहराम मच गया। इजरायली पीएम नेतन्याहू ने कहा कि हमास ने युद्धविराम की शर्तों का उल्लंघन किया है।
Edited By : Dharmendra Kumar Mishra
Published : Dec 01, 2023 16:59 IST, Updated : Dec 01, 2023, 16:59:47 IST इजरायल और हमास के बीच 4 दिनों से जारी युद्ध विराम खत्म हो गया है। सीजफायर बंद होते ही इजरायली ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। इजरायली सेना ने हमास के ठिकानों पर हवाई हमलों से कोहराम मचा दिया है। इजराइल की सेना ने शुक्रवार को हमास के साथ युद्धविराम की समयसीमा समाप्त होने के बाद गाजा में हमास के ठिकानों पर लड़ाकू विमानों से भीषण हमले किए। इससे गाजा में दोबारा तबाही का तांडव शुरू हो गया है। इजराइल ने दक्षिणी गाजा के कुछ हिस्सों में पर्चे गिराए हैं, जिनमें लोगों से खान यूनिस शहर स्थित घरों को छोड़ने के लिए कहा गया है।
पर्चों में यह भी कहा गया है कि खान यूनिस अब एक "खतरनाक युद्ध क्षेत्र" है। इस दौरान गाजा पट्टी से आ रही तस्वीरों में क्षेत्र के ऊपर घना काला धुआं दिखाई दे रहा है। युद्ध शुरू होने के बाद से गाजा की अधिकतर आबादी दक्षिणी गाजा चली गई है और इन लोगों ने खान यूनिस तथा अन्य स्थानों पर शरण ले रखी है। शुक्रवार को इजरायल की ओर से शुरू किए गए हवाई हमलों में खान यूनिस में एक बड़ी इमारत नष्ट हो गई। इसके कुछ ही देर बाद निवासियों को मलबे में जीवित लोगों की तलाश करते हुए देखा गया। एक घायल व्यक्ति को स्ट्रेचर पर ले जाया गया।
बहुमंजिला अपार्टमेंट हमले में ध्वस्त
इजरायल के हमले में हमाद शहर में एक बहुमंजिला आवासीय इमारत का एक अपार्टमेंट हमले में क्षतिग्रस्त हो गया। मगाजी के शरणार्थी शिविर में बचावकर्मियों ने युद्धक विमानों की चपेट में आई एक बड़ी इमारत के मलबे में तलाश शुरू की। गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-किद्रा ने बताया कि इजरायली हमलों में 14 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गए। उधर, इजराइल में गाजा के पास के इलाकों में रॉकेट हमलों की चेतावनी देने वाले सायरन बजने लगे जिससे यह संकेत मिलता है कि हमास ने भी हमले शुरू कर दिए हैं।
इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने कही ये बात
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि युद्ध फिर से शुरू हो गया क्योंकि हमास ने युद्धविराम की शर्तों का उल्लंघन किया। उन्होंने एक बयान में कहा,‘‘उसने सभी महिला बंधकों को रिहा करने के अपने दायित्व को आज पूरा नहीं किया और इजराइली नागरिकों पर रॉकेट दागे हैं।’’ इजराइल और फलस्तीन के चरमपंथी समूह हमास के बीच अस्थायी युद्धविराम शुक्रवार सुबह सात बजे समाप्त हो गया और इसके ठीक आधे घंटे बाद इजराइली सेना ने हमले की घोषणा की। यह युद्धविराम एक सप्ताह पहले 24 नवंबर को शुरू हुआ था। शुरुआत में यह चार दिनों के लिए था और फिर कतर तथा मध्यस्थता में मदद करने वाले देश मिस्र की सहायता से इसे दो दिन के लिए तथा फिर एक दिन के लिए और बढ़ाया गया।
100 से अधिक इजरायली बंधक रिहा
सप्ताह भर के युद्धविराम में गाजा में हमास और अन्य समूहों ने 100 से अधिक बंधकों को रिहा किया, जिनमें से अधिकतर इजरायली थे। बदले में इजरायल की जेलों से 240 फलस्तीनियों को रिहा किया गया। अभी तक अधिकतर महिलाओं और बच्चों को रिहा किया गया है लेकिन अब भी हमास के कब्जे में कुछ बंधक हैं। हमास का गाजा पर 16 वर्ष से शासन है और माना जा रहा है कि हमास शेष बंधकों खासतौर पर सैनिकों की रिहाई के लिए कड़ी शर्तें रख सकता है। गाजा में अब भी सौ से अधिक बंधक हैं जबकि शेष को रिहा कर दिया गया है। मध्यस्थता में अहम भूमिका निभाने वाले कतर तथा मिस्र ने युद्धविराम को दो और दिन बढ़ाने के प्रयास किए थे। इजराइल पर उसके मुख्य सहयोगी देश अमेरिका की ओर से इस बात का दबाव है कि जब वह हमास के खिलाफ हमले शुरू करे तो इस बात का ध्यान रखे कि इसमें आम नागरिक नहीं मारे जाएं।
अमेरिका ने कही ये बात
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बृहस्पतिवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अन्य अधिकारियों से मुलाकात की। ब्लिंकन ने युद्धविराम की अवधि बढ़ने की उम्मीद जताई थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर इजराइल युद्ध पुन: शुरू करता है और दक्षिणी गाजा में हमास के खिलाफ कार्रवाई करता है तो उसे यह ‘‘अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के अनुरूप’’ करना होगा और उसके पास आम नागरिकों की रक्षा के लिए ‘‘ स्पष्ट योजना’’ होनी चाहिए। गाजा की अधिकतर आबादी दक्षिणी गाजा चली गई है और अब उनके पास बचने के लिए कोई और स्थान नहीं है। इससे यह प्रश्न उठने लगे हैं कि वहां इजराइल की किसी भी कार्रवाई से आम नागरिकों को हताहत होने से कैसे बचाया जा सकता है। (एपी)