इमरान खान के खिलाफ सैन्य अदालत में चलेगा मुकदमा, गृह मंत्री ने किया ऐलान
पाकिस्तान के गृह मंत्री सनाउल्लाह ने दावा किया कि सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले की तैयारी इमरान खान की पहल और उकसावे पर की गई थी।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने मंगलवार को कहा कि इमरान खान के खिलाफ सैन्य अदालत में मुकदमा चलाया जाएगा क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री सैन्य प्रतिष्ठानों पर नौ मई को हुए हमले की घटनाओं के लिए जिम्मेदार थे। ‘डॉन न्यूज’ के एक शो में सनाउल्लाह ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख खान (70) पर अपनी गिरफ्तारी से पहले व्यक्तिगत रूप से सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों की योजना बनाने का आरोप लगाया। मंत्री ने कहा कि दावे को साबित करने के लिए सबूत भी हैं।
इमरान के उकसावे पर सैन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमले
यह पूछे जाने पर कि क्या खान पर सैन्य अदालत में मुकदमा चलाया जाएगा, गृह मंत्री ने कहा, ‘बिल्कुल, ऐसा क्यों नहीं होना चाहिए? सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए उन्होंने जो ‘योजना’ बनाई और फिर उसे अंजाम दिया, मेरी समझ में यह सैन्य अदालत में सुनवाई लायक एक मामला है।’’ उन्होंने दावा किया कि सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले की तैयारी इमरान खान की पहल और उकसावे पर की गई थी। मंत्री ने आरोप लगाया कि खान इस सारी कलह के सूत्रधार हैं। यह पूछे जाने पर कि खान जेल से भी अपनी पार्टी के नेताओं के साथ संवाद करने में कैसे सक्षम थे, मंत्री ने कहा, ‘‘यह सब (योजना) उनके जेल जाने से पहले तय किया गया था कि कौन क्या करेगा और कहां करेगा।’’
अदालत के समक्ष पेश हुए इमरान खान, चार मामलों में मुचलका जमा किया
उधर, इमरान खान मंगलवार को लाहौर कोर कमांडर हाउस पर हमले सहित चार मामलों में एक आतंकवाद रोधी अदालत के सामने पेश हुए और 2 जून तक की अपनी अग्रिम जमानत के संबंध में मुचलका जमा किया। अदालत के एक अधिकारी ने कहा, ‘खान एटीसी लाहौर के न्यायाधीश इजाज अहमद बुट्टर के समक्ष पेश हुए और आतंकवाद के चार मामलों में एक-एक लाख पाकिस्तानी रुपये का मुचलका जमा किया, जिसमें उन्हें पहले ही दो जून तक अग्रिम जमानत मिल चुकी है।’ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के 70 वर्षीय अध्यक्ष खान जैसे ही कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश हुए, वकीलों के एक समूह ने उनके पक्ष में नारे लगाए।
खान के वकील ने पूर्व प्रधानमंत्री के जमान पार्क, लाहौर स्थित आवास के लिए तलाशी वारंट को भी आतंकवाद रोधी अदालत में चुनौती दी। न्यायाधीश ने अगली सुनवाई के लिए पंजाब पुलिस के डीआईजी (परिचालन) को तलब किया और उन्हें जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। गत नौ मई को इस्लामाबाद में अर्धसैनिक रेंजर्स द्वारा खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित 20 से अधिक सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी भवनों में तोड़फोड़ की। रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी पहली बार भीड़ ने हमला किया था। खान को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। (इनपुट-भाषा)