Pakistan audio leak case: पाकिस्तान की कैबिनेट ने ऑडियो लीक मामले को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी के शीर्ष नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का रविवार को फैसला किया। हाल में लीक हुए ऑडियो में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के तीन नेताओं को पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान (69) के साथ अमेरिकी साइफर (गूढ़लेख) के बारे में बात करते हुए सुना जा सकता है। इसके अनुसार, लीक हुए इस ऑडियो में खान अपनी सरकार को गिराने की कथित साजिश के बारे में भी बात कर रहे थे।
ये राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला
इस ऑडियो लीक का संज्ञान लेते हुए कैबिनेट ने 30 सितंबर को एक समिति का गठन किया था। समिति ने इस ऑडियो लीक को लेकर कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, कैबिनेट समिति ने सिफारिश की है, ‘‘यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है, जिसका राष्ट्रीय हितों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है और इस संबंध में कानूनी कार्रवाई महत्वपूर्ण है।’’ संघीय जांच एजेंसी को अमेरिकी साइबर और ऑडियो लीक की जांच का काम सौंपा जाएगा। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि जांच को रोकने के लिए सरकार की कार्रवाई ने उनकी पार्टी के रुख का समर्थन किया कि साइफर वास्तविक था और खान की सरकार को गिराने का कारण बना।
खान के सत्ता के भूखे
उन्होंने आगे कहा कि ‘‘हमने कभी ऐसा कदम नहीं उठाया जिससे पाकिस्तान के हितों को ठेस पहुंचे। हमने गरिमा के साथ इस देश की सेवा की और आगे भी करते रहेंगे।’’ इस बीच, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की नेता मरियम नवाज शरीफ ने शनिवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार के प्रति असंतोष व्यक्त किया और कहा कि इतने सारे आरोप होने के बावजूद सरकार खान को गिरफ्तार करने में विफल रही है। उन्होंने खान के बानी गाला स्थित आवास पर छापेमारी करने की मांग की। वित्त मंत्री इसहाक डार ने कहा कि खान सत्ता के भूखे हैं और किसी भी कीमत पर देश पर शासन करना चाहते हैं।
इमरान पर भी वारंट जारी
इधर, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए भी मुश्लकिलें बढती जा रही है। खान जेबा चौधरी के खिलाफ विवादित टिप्पणी के लिए अवमानना के आरोपों का सामना कर रहे हैं। अदालत ने खान को कोर्ट में पेश होने का वारंट जारी किया है। वारंट जारी होने के बाद पीटीआई नेता असद उमर ने सरकार को खान को गिरफ्तार नहीं करने की चेतावनी देते हुए कहा कि उसे इस फैसले पर पछतावा होगा। इस बीच पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि ऐसे 'कमजोर' मामले में वारंट जारी करना व्यर्थ है। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "निराधार कानूनी धाराओं पर वारंट जारी करके और एक मूर्खतापूर्ण मामला बनाकर मीडिया में एक सर्कस बनाया गया है, जिसकी जरूरत नहीं थी।"
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