इजराइल-हिजबुल्लाह के बीच जंग टालने के लिए ब्रिटेन ने ईरान से कर दी बड़ी मांग, कहा 'खतरनाक हैं हालात'
इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच जारी तनाव की वजह से दुनिया के कई देश चिंतित हैं। ब्रिटेन ने हालात को खतरनाक बताते हुए युद्धविराम की अपील की है। ब्रिटेन ने कहा है कि युद्ध इजराइल या लेबनानी लोगों के हित में नहीं है।
लंदन: ब्रिटेन ने अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों के साथ लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह और इजराइल के बीच तुरंत युद्धविराम का आह्वान किया है। ब्रिटेन ने चेताया है कि क्षेत्र में इस समय संघर्ष के पूर्ण युद्ध की तरफ बढ़ने का खतरा है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान एक बयान में ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी ने इजराइल पर पिछले 11 महीनों में हिजबुल्लाह के हमलों की निंदा की और दोहराया कि इन हमलों को उचित नहीं ठहराया जा सकता जिसके कारण लेबनान और इजराइल के आम लोगों का जीवन बदहाल हो गया है।
'खतरनाक हैं हालात'
ईरान को दिए गए एक संदेश में लैमी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का उल्लंघन करके आतंकी संगठनों को हथियारों की आपूर्ति को किसी भी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने तेहरान से अनुरोध किया कि वह हिजबुल्लाह पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल संघर्षविराम समझौते के प्रति उसे राजी करने के लिए करे। लैमी ने कहा, ‘‘यह सर्वाधिक खतरनाक पल है। हम बिलकुल कगार पर हैं। स्थिति खतरनाक है। आधी रात से कुछ मिनट पहले। हम क्षेत्रीय स्तर पर पूर्ण युद्ध के खतरे की बात करते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि हम पहले से ही कई मोर्चों पर संघर्ष देख रहे हैं।’’
'इजराइल या लेबनानी लोगों के हित में नहीं जंग'
लैमी ने कहा, ‘‘पूर्ण युद्ध इजराइल या लेबनानी लोगों के हित में नहीं है और यही कारण है कि पिछले सप्ताह के हमलों के कुछ घंटों के भीतर, मैंने लेबनानी हिजबुल्लाह और इजराइल के बीच तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया था। तब से हमने युद्धविराम की व्यापक मांग और इसे लागू करने की राजनीतिक योजना को औपचारिक रूप देने के लिए अमेरिका और फ्रांस के साथ मिलकर काम किया है। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर और मैं G7 समेत अन्य भागीदारों से भी ऐसा करने का आग्रह करते रहे हैं।’’
'लेबनान छोड़ दें ब्रिटिश नागरिक'
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि लेबनान में स्थिति नारकीय हो गई है। इस बीच, स्टार्मर ने एक बार फिर ब्रिटिश नागरिकों से आह्वान किया है अब वो लेबनान छोड़ दें। एफसीडीओ ने कहा है कि वह 50 लाख ब्रिटिश पौंड मानवीय मदद के लिए लेबनान को दे रहा है जहां यूनिसेफ जरूरतमंद लोगों को आवश्यक चीजों की आपूर्ति करेगा। इसके बाद, क्षेत्र में विभिन्न हालात के मद्देनजर आकस्मिक योजना जारी रखने के लिए सीमा बल और विदेश कार्यालय के अधिकारियों के साथ 700 सैनिकों को साइप्रस में तैनात किया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर सहायता करने के लिए ‘रॉयल एयरफोर्स’ ने भी अपने विमान और परिवहन हेलीकॉप्टरों को तैयार रखा है। ब्रिटेन हिजबुल्लाह को आतंकवादी संगठन मानता है। (भाषा)
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