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यूक्रेन युद्ध में बड़ा उलटफेर, अमेरिका के कहने पर किमजोंग ने दिया अपने दोस्त पुतिन को झटका!

रूस-यूक्रेन युद्ध में सबसे बड़े उलटफेर की खबर सामने आ रही है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने ऐसा काम कर दिया है कि जिसकी कल्पना रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने सपने में भी नहीं की रही होगी। अमेरिका के एक आरोप से घबराकर उत्तर कोरिया ने रूस को करारा झटका दे दिया है।

किम जोंग उन व रूसी राष्ट्रपति पुतिन- India TV Hindi Image Source : FILE किम जोंग उन व रूसी राष्ट्रपति पुतिन

Russia_Ukraine war Update: रूस-यूक्रेन युद्ध में सबसे बड़े उलटफेर की खबर सामने आ रही है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने ऐसा काम कर दिया है कि जिसकी कल्पना रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने सपने में भी नहीं की रही होगी। अमेरिका के एक आरोप से घबराकर उत्तर कोरिया ने रूस को करारा झटका दे दिया है। यूक्रेन में भीषण युद्ध लड़ रहे रूस के वैगनर समूह को उत्तर कोरिया ने हथियार देने से इनकार कर दिया है। इससे पुतिन भी हैरान रह गए हैं। किम जोंग उन ने अमेरिका की ओर से उत्तर कोरिया पर लगाए गए आरोपों के बाद यह कदम उठाया है। जबकि किम जोंग उन पुतिन के पक्के दोस्त हैं।

दरअसल अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर रूसी सैन्य कंपनी वैगनर समूह को रॉकेट और मिसाइलों की आपूर्ति करने का  बड़ा आरोप लगाया था। संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्योंगयांग पर रूसी वैगनर समूह को रॉकेट और मिसाइलों की आपूर्ति करने और यूक्रेन में मास्को की सेना को मजबूत करने में मदद करने का आरोप लगाने के बाद उत्तर कोरिया ने रूस को हथियार उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया है। इससे रूसी खेमे में खलबली मच गई है, क्योंकि आमतौर पर किमजोंग उन अमेरिका के हर आदेशों और चेतावनियों को नजरंदाज करने के लिए जाने जाते हैं।

उत्तर कोरिया ने अमेरिका के आरोपों को नकारा
उत्तर कोरिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को एक बयान में अमेरिका के इन आरोपों को  "आधारहीन अफवाह" बताया और वाशिंगटन की ओर से यूक्रेन को अपनी सैन्य सहायता को सही ठहराने के उद्देश्य से लगाया गया आरोप करार दिया। अमेरिका ने इस महीने की शुरुआत में रूस के वैगनर समूह को उत्तर कोरिया के साथ निजी सैन्य समूह के कथित हथियारों के सौदे का हवाला देते हुए एक  "पारंपरिक आपराधिक संगठन" के रूप में नामित किया था, जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों द्वारा निषिद्ध भी किया गया है।

रूसी रेल में अमेरिकी खुफिया तस्वीरें होने का आरोप
व्हाइट हाउस ने यह भी आरोप लगाया है कि जब रूसी रेल कार उत्तर कोरिया से पैदल सेना के रॉकेट और मिसाइलों लेकर रूस लौट रही थीं, तो उसमें अमेरिकी खुफिया तस्वीरें भी थीं। हालांकि अमेरिकी मामलों के उत्तर कोरियाई विभाग के महानिदेशक, क्वोन जोंग गन ने रविवार को इन आरोपों को खारिज कर दिया। साथ ही धमकी भरी चेतावनी भी दी कि अगर अमेरिका "स्व-निर्मित अफवाह" फैलाने में लगा रहता है तो उसे "वास्तव में अवांछनीय परिणाम" का सामना करना पड़ेगा। क्वोन जोंग गन ने कहा, "एक गैर-मौजूद चीज को गढ़कर [उत्तर कोरिया] की छवि को धूमिल करने की कोशिश करना एक गंभीर उकसावा है, जिसकी कभी अनुमति नहीं दी जा सकती है और यह प्रतिक्रिया को ट्रिगर किए बिना नहीं हो सकता है।"

अमेरिका इस वजह से लगा रहा आरोप
क्वोन जोंग गन ने कहाकि उत्तर कोरिया पर यह आरोप लगाने का अमेरिकी कदम "यूक्रेन को हथियारों की अपनी पेशकश को सही ठहराने का एक मूर्खतापूर्ण प्रयास" था। इस हफ्ते की शुरुआत में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कीव को मास्को के आक्रमण से लड़ने में मदद करने के लिए अमेरिकी सेना के सबसे शक्तिशाली और परिष्कृत हथियारों में से एक 31 अब्राम्स टैंक का वादा किया था। अमेरिका के इस निर्णय को लेकर उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की शक्तिशाली बहन किम यो जोंग ने शुक्रवार को यह कहकर फटकार लगाई थी कि वाशिंगटन ने यूक्रेन में टैंक भेजकर "रेड लाइन को और पार करने" प्रयास किया है। क्ववोन जोंग ने भी अमेरिका द्वारा यूक्रेन को टैंक देने को अनैतिक अपराध कहा।

उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा मददगार है रूस
उत्तर कोरिया ने भले ही रूस के वैगनर को युद्धक हथियारों की सप्लाई को रोक दिया है, मगर रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है, जो लंबे समय से परमाणु-सशस्त्र उत्तर कोरिया पर बढ़ते दबाव के खिलाफ खड़ा है, यहां तक ​​कि मानवीय कारणों से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से राहत के लिए भी कह रहा है। हालांकि इस बीचसीरिया और रूस के अलावा उत्तर कोरिया एकमात्र ऐसा देश है, जिसने पूर्वी यूक्रेन में दो रूसी समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों लुहांस्क और दोनेत्स्क की स्वतंत्रता को मान्यता दी है। नवंबर में, व्हाइट हाउस ने कहा था कि प्योंगयांग रूस को "महत्वपूर्ण" तोपों के गोले के साथ गुप्त रूप से आपूर्ति कर रहा था। जवाब में उत्तर कोरिया ने कहा कि उसका रूस के साथ कभी भी हथियारों का सौदा नहीं था और ऐसा करने की उसकी कोई योजना नहीं थी।

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