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बांग्लादेश में सत्ता बदलते ही पूर्व प्रधानमंत्री खालिद जिया 42 लोगों की हत्या मामले में बरी, अदालत ने सुनाया फैसला

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिद जिया को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। ढाका की अदालत ने 2015 में 42 लोगों की हत्या मामले में उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे को खत्म कर दिया है। बांग्लादेश में सत्ता बदलने के बाद खालिद जिया को मिला यह सबसे बड़ा तोहफा है।

खालिद जिया, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री। - India TV Hindi Image Source : REUTERS खालिद जिया, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री।

ढाका: बांग्लादेश में सत्ता बदलते ही पूर्व प्रधानमंत्री खालिद जिया की मुश्किलें एक के बाद एक करके कम होती जा रही हैं। इस बार खालिद जिया को 42 लोगों की हत्या मामले में बड़ी राहत मिली है। राजधानी ढाका की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया और तीन अन्य के खिलाफ 2015 में दर्ज 42 लोगों की मौत मामले को खत्म कर दिया। यानि खालिद जिया 42 लोगों की हत्या मामले में अब बरी कर दी गई हैं। यह उनके राजनीतिक जीवन के लिए बड़ी विजय है। बांग्लादेश में अगस्त में पूर्व पीएम शेख हसीना को अपदस्थ किए जाने के बाद लगातार जिया के हक में फैसले आ रहे हैं।

खालिद जिया पर आरोप था कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की ओर से बुलाये गये राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान हुई हिंसा में 42 लोगों की मौत हुई थी। इन सभी की मौत के लिए खालिद जिया को ही आरोपी माना गया था। सरकारी समाचार एजेंसी ‘बांग्लादेश संबाद संगस्था’ की खबर के मुताबिक ढाका के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट जियादुर रहमान ने इस संबंध में पुलिस द्वारा जमा रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए बृहस्पतिवार को यह आदेश सुनाया। खबर के मुताबिक तीन अन्य आरोपी बीएनसपी की स्थायी समिति के सदस्य रफीकुल इस्लाम मिया, ढाका विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति इमाजुद्दीन अहमद और बीएनपी के पूर्व सलाहकार शमसीर मोबिन चौधरी के खिलाफ दर्ज मामले भी खारिज किए गए हैं।

2015 में दर्ज हुआ था केस

खालिद जिया के खिलाफ जननेत्री परिषद अध्यक्ष ए बी सिद्दीकी ने यह शिकायत की थी। इसके बाद ढाका मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने दो फरवरी 2015 को खालिद जिया और अन्य पर मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। बाद में अदालत ने गुलशन पुलिस थाना को मामले में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। जांच अधिकारी ने पिछले महीने 21 तारीख को दाखिल रिपोर्ट में कहा कि आरोपियों पर लगे आरोप सही साबित नहीं हुए हैं। पिछले महीने 79 वर्षीय बीएनपी अध्यक्ष को पांच अन्य मामलों में बरी कर दिया था गया था, जिनमें एक ‘फर्जी जन्मदिन मनाने’ और दूसरा युद्ध अपराधियों का समर्थन करने का मामला शामिल था। (भाषा)

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