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पाकिस्तान में बड़ा बदलाव, 28 मई को नवाज लेंगे शहबाज शरीफ की जगह

पाकिस्तान की सियासत में नई हलचल है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएलएन) ने इस बीच एक बड़ा ऐलान किया है। पूर्व प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ अब पीएमएल-एन अध्यक्ष पद का जिम्मा संभालेंगे। अभी तक यह पद उनके छोटे भाई और पाक पीएम शहबाज शरीफ के पास था।

नवाज और पीएम शहबाज शरीफ।- India TV Hindi Image Source : AP नवाज और पीएम शहबाज शरीफ।

लाहौरः पाकिस्तान के सत्तारूढ़ दल पीएमएल-एन ने शनिवार को एक बड़े बदलाव का ऐलान किया है। मुल्क के तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ को 28 मई को पार्टी अध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला किया है। अभी तक यह पद उनके भाई और पीएम शहबाज शरीफ ही संभाल रहे थे। हालांकि नवाज की ताजपोशी नहीं होने तक के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को पार्टी का कार्यवाहक अध्यक्ष नामित किया है। स्थानीय मीडिया ने यह खबर दी है। इस हफ्ते के शुरू में शहबाज शरीफ ने पार्टी सुप्रीमो और अपने बड़े भाई नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद से ‘अनुचित ढंग से’ अयोग्य ठहराये जाने का हवाला देते हुए पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।

उन्होंने कहा था कि यह ‘‘उनके लिए (नवाज शरीफ के लिए) पाकिस्तान मुस्लिम लीग -नवाज पार्टी का अध्यक्ष पद फिर संभालने का वक्त है।’’ ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ ने खबर दी है कि आज दिन में पाकिस्तान मुस्लिम लीग -नवाज (पीएमएल-एन) की केंद्रीय कार्यकारी समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसकी पुष्टि पार्टी की लाहौर इकाई के अध्यक्ष सैफ उल मलूक खोखर ने भी की है। अखबार के अनुसार, पार्टी की आम परिषद की बैठक पहले 11 मई को होने वाली थी, लेकिन अब यह 28 मई को होगी। उसने खबर दी कि ‘नवाज पीएमएल-एन का अध्यक्ष पद फिर संभालने वाले हैं।

पहले नवाज को बनना था पीएम

पाकिस्तान में 8 फरवरी को हुए आम चुनाव में खंडित जनादेश आया था और पीएमएल-एन को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। पीएमएल-एन ने बिलावल जरदारी भुट्टो की अगुवाई वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और अन्य छोटे दलों के साथ हाथ मिलाकर केंद्र में सरकार बनायी और नवाज ने अपने छोटे भाई शहबाज के पक्ष में प्रधानमंत्री का पद छोड़ दिया। साल 2017 में नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया था, क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने एक मामले में उन्हें सार्वजनिक पद पर आसीन होने से जीवनभर के लिए अयोग्य ठहरा दिया था। पनामा पेपर्स मामले में सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने फरवरी 2018 में पीएमएल-एन सुप्रीमो को पार्टी अध्यक्ष के रूप में भी अयोग्य करार दिया था। (भाषा) 

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