A
Hindi News विदेश एशिया China: शी जिनपिंग के लिए श्रीलंका और पाकिस्तान बन गए हैं मुसीबत, महत्वाकांक्षी परियोजना Belt and Road Initiative पर मडरा रहे हैं काले बादल

China: शी जिनपिंग के लिए श्रीलंका और पाकिस्तान बन गए हैं मुसीबत, महत्वाकांक्षी परियोजना Belt and Road Initiative पर मडरा रहे हैं काले बादल

BRI: चीन ने अपने महत्वाकांक्षी $147 बिलियन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का बचाव किया है, अपने भविष्य के बारे में आशंकाओं की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।

 Belt and Road Initiative- India TV Hindi Image Source : PTI Belt and Road Initiative

Highlights

  • करीब 147 अरब डॉलर का निवेश है
  • श्रीलंका पहले ही 51 बिलियन डॉलर के ऋण भुगतान में चूक कर चुका है
  • चीन के 87 देशों के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोगात्मक संबंध हैं

BRI: चीन ने अपने महत्वाकांक्षी $147 बिलियन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का बचाव किया है, अपने भविष्य के बारे में आशंकाओं की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग की रणनीतिक परियोजना का भविष्य अंधकारमय दिख रहा है क्योंकि पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे देश चीनी अर्थव्यवस्था के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर चुके हैं ये देश कर्ज चुकाने में विफल रहे हैं। जिसके बाद चीन ने बचाव में आकर कहा कि हमें बीआरआई में 149 देशों का समर्थन मिला है। बीआरआई ने 32 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए हैं। हमारा करीब 147 अरब डॉलर का निवेश है। ऐसे में श्रीलंका और पाकिस्तान के कर्ज के डूबने से बीआरआई पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

कई देशों के ऊपर कर्ज और बीच मजधार में फंसा बीआरआई
विभिन्न रिपोर्टों में विभिन्न "थिंक टैंक" को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है कि बीआरआई और इसका 60 बिलियन डॉलर का चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) अधर में लटका हुआ है क्योंकि एशिया से लेकर अफ्रीका तक के देश कर्ज में हैं। ये देश परियोजनाओं को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं और ऋण का भुगतान करने में असमर्थ या इनकार कर रहे हैं।

पाकिस्तान और श्रीलंका के हालत खस्ता
गंभीर विदेशी मुद्रा संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे देश आर्थिक समस्याओं से निपटने के लिए चीनी परियोजना ऋणों को भुगतान संतुलन में परिवर्तित कर रहे हैं। श्रीलंका पहले ही 51 बिलियन डॉलर के ऋण भुगतान में चूक कर चुका है, जिसमें चीन से ऋण भी शामिल है, जबकि पाकिस्तान वित्तीय संकट के कगार पर है। श्रीलंका जैसी आर्थिक स्थिति से बचने के लिए पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मदद पर निर्भर है।

जिनपिंग की महत्वाकांक्षी परियोजना है BRI
बीआरआई और सीपीईसी शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी परियोजनाएं हैं, जो व्यापक रूप से इस साल के अंत में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की पांच साल की कांग्रेस द्वारा एक अभूतपूर्व तीसरे कार्यकाल की उम्मीद कर रहे हैं। CPEC को लेकर भारत ने चीन का विरोध किया है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है।

147 अरब डॉलर का है निवेश
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने उन रिपोर्टों का खंडन किया कि बीआरआई वित्तीय संकट में था और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जुलाई तक चीन ने 149 देशों और 32 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ बीआरआई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए हैं। वेनबिन ने कहा, "हमारे पास एक ट्रिलियन युआन (करीब 147 अरब डॉलर) से अधिक का निवेश है।" साथ ही उन्होंने कहा कि चीन के 87 देशों के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोगात्मक संबंध हैं। वेनबिन ने कहा कि चूंकि नौ साल पहले बीआरआई की कल्पना की गई थी। चीन ने परस्पर परामर्श दोनों पक्षों के लाभ के लिए सहयोग के सिद्धांतों के आधार पर संबंधित देशों के साथ काम किया है और सार्थक परिणाम हासिल किए हैं।

चीन के दावों पर उठ रहे सवाल 
कई थिंक टैंकों के हवाले से रिपोर्टों ने बीआरआई और सीपीईसी के ऊपर कई सवाल खड़े किए हैं। अमेरिका में विलियम एंड मैरी विश्वविद्यालय में एडडाटा रिसर्च लैब के कार्यकारी निदेशक ब्रैड पार्क्स ने कहा कि चीन "परियोजना से दूर जा रहा है और भुगतान संतुलन के लिए आपातकालीन बचाव ऋण की ओर बढ़ रहा है"। चीन के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में चीन ने पाकिस्तान और श्रीलंका को लघु और मध्यम अवधि के ऋणों में लगभग 26 बिलियन डॉलर का विस्तार किया है, क्योंकि उसका विदेशी ऋण बुनियादी ढांचे से आपातकालीन राहत प्रदान करने के लिए स्थानांतरित हो गया है।

बीआरआई ने उठाई चीन की वित्तीय चिंता
जापानी मीडिया संगठन 'निक्केई' की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसे-जैसे चीन की बीआरआई पहल के बारे में वित्तीय चिंताएं बढ़ती जा रही हैं, कई देश उन परियोजनाओं से दुरी बना रहे हैं या छोड़ रहे हैं, जो बीआरआई का हिस्सा हैं। इन रिपोर्टों पर उनकी प्रतिक्रिया पूछे जाने पर, वेनबिन ने बीआरआई की परियोजनाओं जैसे चीन-लाओस रेलवे, सर्बिया में पुल और पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह का उल्लेख किया है।

Latest World News