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Hindi News विदेश एशिया ईरान में सरकार के खिलाफ बोलने पर मिल रही फांसी! आज एक और प्रदर्शनकारी को मिली सजा, जानें क्या है पूरा मामला

ईरान में सरकार के खिलाफ बोलने पर मिल रही फांसी! आज एक और प्रदर्शनकारी को मिली सजा, जानें क्या है पूरा मामला

ईरान ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, सुरक्षाबलों ने महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुए इन प्रदर्शनों पर हिंसक कार्रवाई की जिसमें 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इनमें दर्जनभर बच्चे भी शामिल हैं।

सांकेतिक तस्वीर- India TV Hindi Image Source : फाइल फोटो सांकेतिक तस्वीर

ईरान सरकार द्वारा देश में व्यापक स्तर पर जारी प्रदर्शनों के बीच हिरासत में लिए गए कैदी को फांसी दिए जाने का दूसरा मामला सामने आया है। ईरान ने विरोध प्रदर्शनों के दौरान कथित अपराधों के लिए हिरासत में लिए गए एक और कैदी को सोमवार को फांसी दे दी। ईरान की समाचार एजेंसी 'मिज़ान' के अनुसार, 'मजीदरेज़ा रहनवार्ड' को फांसी दी गई। उसे मशहद में 17 नवंबर को सुरक्षा बल के दो सदस्यों की चाकू मारकर हत्या करने और चार अन्य को घायल करने का दोषी ठहराया गया था। ईरान ने इससे पहले बीते बृहस्पतिवार को देशव्यापी विरोध-प्रदर्शनों के दौरान कथित रूप से किए गए अपराध को लेकर एक कैदी को फांसी दी थी।

अब तक 12 लोगों को मिल चुकी है मौत की सजा

ईरान द्वारा दिए गए इस तरह की सजा का यह पहला मामला थ। ईरान की नैतिकता के आधार पर कार्रवाई करने वाली पुलिस के खिलाफ एक आक्रोश के रूप में शुरू हुआ यह प्रदर्शन 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से देश के 'धर्मतंत्र' के लिए सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक बन गया है। कार्यकर्ताओं ने आगाह किया है कि आने वाले समय में अन्य लोगों को भी मृत्युदंड दिया जा सकता है। प्रदर्शनों में शामिल होने पर अब तक करीब 12 लोगों को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है। 

अमेरिका भी कर चुका है निंदा

ईरान ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, सुरक्षाबलों ने महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुए इन प्रदर्शनों पर हिंसक कार्रवाई की जिसमें 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इनमें दर्जनभर बच्चे भी शामिल हैं। अमेरिका भी इस मामले को लेकर ईरान की निंदा कर चुका है। वहीं ईरान सरकार का कहना है कि इन प्रदर्शनों में 40 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों की भी मौत हो चुकी है। 

क्यों हो रहा प्रदर्शन?

महसा अमीनी को 13 सितंबर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आरोप था कि तेहरान में अमीनी ने सही तरीके से हिजाब नहीं पहना था, जबकि ईरान में हिजाब पहनना जरूरी है। गिरफ्तारी के बाद अमीनी की पुलिस स्टेशन में तबीयत खराब हो गई। जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन तीन दिन बाद खबर आई कि उसकी मौत हो चुकी है। इसके बाद लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया।  

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