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बांग्लादेश में फिर फैली अशांति, शेख हसीना की सहयोगी पार्टी के दफ्तर में तोड़फोड़, लगाई गई आग

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सहयोगी पार्टी के दफ्तर में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी है। चिंताजनक बात ये है कि जिस दौरान खुद को छात्र बनाने वाले प्रदर्शनकारी तोड़फोड़ और आगजनी कर रहे थे, उस दौरान वहां पुलिस बल मौजूद नहीं था।

bangladesh Unrest Sheikh Hasina ally party office vandalized set on fire by protestors- India TV Hindi Image Source : PTI बांग्लादेश में फिर फैली अशांति

बांग्लादेश में एक बार फिर अराजकता फैलने लगी है। इस बार प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की समर्थक पार्टी के दफ्तार को जलाकर खाक कर दिया है। दरअसल गुरुवार की रात सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी ढाका में जातिया पार्टी के दफ्तर के बाहर जमा हुए और नाराबेजी की। इस दौरान दफ्तर के अंदर प्रदर्शनकारी घुस गए और तोड़फोड़ करने लगे। इसके बाद उन्होंने दफ्तर के अंदर ही आगजनी शुरू कर दी। देखते ही देखते कुछ ही देर में जातिया पार्टी के दफ्तर में आग की लपटें फैल गई। बता दें कि यह पार्टी ढाका के विजयनगर में स्थित है। घटना की सूचना पाकर जब तक दमकल विभाग की टीम पहुंचती तब तक जातिया पार्टी का दफ्तर जलकर खाक हो चुका था।

जातिया पार्टी के दफ्तर में तोड़फोड़ और आगजनी

बता दें जातिया पार्टी शेख हसीना की समर्थनक पार्टी है। इसके संस्थापक हुसैन मोहम्मद इरशाद थे, जो कभी बांग्लादेश की सेना के चीफ हुआ करते थे। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि जातिया पार्टी के कार्यकर्ताओं ने 5 अगस्त से पहले प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर अत्याचार किए। इन सब में सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि जब प्रदर्शनकारी जातिया पार्टी के दफ्तर में घुसे और तोड़फोड़ करते हुए आगजनी की, उस दौरान वहां कोई पुलिस बल तैनात नहीं था और उपद्रवी खुद को छात्र बताते हुए आगजनी करते रहे।

यूनुस के माने जा रहे समर्थक

बता दें कि जातिया पार्टी के दफ्तर को आग के हवाले किए जाने के बाद से अब तक किसी संगठन ने इस अग्निकांड की जिम्मेदारी नहीं ली है। हालांकि प्रदर्शनकारियों को प्रधानमंत्री यूनुस का समर्थक माना जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जातिया पार्टी गद्दार है और इसलिए उसे सजा मिलनी चाहिए। बता दें कि इससे पहले बांग्लादेश के राष्ट्रपति के खिलाफ भी बीते दिनों विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था, जिसमें एक संगठन ने उनके इस्तीफे की मांग की थी। दरअसल उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि शेख हसीना का इस्तीफा पत्र उन्होंने नहीं देखा हैष इसके बाद ही उनके इस्तीफे को लेकर मांग शुरू हो गई थी। 

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