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Hindi News विदेश एशिया महिला पत्रकार के साथ मारपीट, मीडिया संस्थान के दफ्तर पर हमला; ऐसा है बांग्लादेश का हाल

महिला पत्रकार के साथ मारपीट, मीडिया संस्थान के दफ्तर पर हमला; ऐसा है बांग्लादेश का हाल

बांग्लादेश में हुई व्यापक हिंसा के बाद उपद्रवी अब मीडिया को निशाना बना रहे है। ढाका में एक मीडिया संस्थान के दफ्तर पर हमला हुआ है और एक महिला महिला पत्रकार के साथ मारपीट भी की गई है।

Bangladesh Media Office Vandalise (सांकेतिक तस्वीर)- India TV Hindi Image Source : FILE AP Bangladesh Media Office Vandalise (सांकेतिक तस्वीर)

ढाका: बांग्लादेश में हालात सामान्य होते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। हालात यह हैं कि अब यहां मीडिया पर भी हमले शुरू हो गए हैं। राजधानी ढाका में अज्ञात लोगों ने हॉकी स्टिक और लाठियों से एक मीडिया संस्थान के दफ्तर पर हमला किया और एक महिला पत्रकार से मारपीट की। ‘बीडीन्यूज24 डॉट कॉम’ समाचार पोर्टल की खबर के अनुसार करीब 70 हमलावरों ने यहां बसुंधरा आवासीय क्षेत्र में बसुंधरा समूह की सहायक कंपनी ‘ईस्ट वेस्ट मीडिया ग्रुप’ के दफ्तर में तोड़फोड़ की। खबर के अनुसार हमलावरों ने मीडिया संस्थान के दफ्तर पर हॉकी स्टिक और लाठियों से हमला किया। ‘द डेली स्टार’ अखबार के मुताबिक, हमलावरों ने एक महिला पत्रकार पर हमला किया जिसे उसके सहकर्मियों ने बचाया। महिला मामूली रूप से घायल हो गई है।

कानूनी कार्रवाई की कही गई थी बात

यहां यह भी जानना जरूरी है कि, हाल ही में बांग्लादेश के गृह मंत्रालय के नवनियुक्त सलाहकार ने हिंसा को लेकर कड़ा रुख दिखाया था। अल्पसंख्यकों पर हमले करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा गया था कि देश में हिंसा या घृणा के लिए कोई स्थान नहीं है। ‘ढाका ट्रिब्यून’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार, ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैन ने सचिवालय में बांग्लादेश में इंटरनेशल सोसाइटी ऑफ कृष्ण कॉन्सशियसनेस (इस्कॉन) बांग्लादेश के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान यह आश्वासन दिया था। बांग्लादेश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार गिरने के बाद हिंदू समुदाय के सदस्यों के खिलाफ हिंसा बढ़ी है। 

600 से अधिक लोगों की हो चुकी है मौत

शेख हसीना नौकरियों में विवादित आरक्षण व्यवस्था को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ हुए व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर पांच अगस्त को भारत चली गई थीं। हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के पतन के बाद देशभर में भड़की हिंसा की घटनाओं में 230 से अधिक लोग मारे गए हैं। इन्हें मिलाकर, जुलाई के मध्य में छात्रों द्वारा शुरू किए गए विरोध-प्रदर्शन के बाद से मरने वालों की संख्या 600 से अधिक हो गई। पुलिस मुख्यालय के अनुसार, संघर्ष में कम से कम 44 पुलिसकर्मी मारे गए हैं। (भाषा)

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