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अमेरिका और ब्रिटेन समेत इन 13 देशों से खफा हुआ बांग्लादेश, राजनयिकों को तलब कर जाहिर की नाखुशी

बांग्लादेश एक मामले में अमेरिका और ब्रिटेन समेत 13 देशों पर खफा हो गया है। इनमें कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, नॉर्वे, स्पेन, स्वीडन, यूरोपीय संघ और स्विट्जरलैंड भी शामिल हैं। दरअसल इन देशों ने संयुक्त रूप से बांग्लादेश के एक निजी मामले में बयान जारी किया था। यह बात बांग्लादेश को नागवार गुजरी है।

शेख हसीना, बांग्लादेश की पीएम- India TV Hindi Image Source : AP शेख हसीना, बांग्लादेश की पीएम

अमेरिका और ब्रिटेन समेत 13 देशों पर बांग्लादेश खफा हो गया है। इन सभी देशों के राजनयिकों को तलब करके बांग्लादेश ने अपनी नाखुशी भी जताई है। बांग्लादेश के अनुसार अमेरिका और ब्रिटेन समेत अन्य देशों ने ‘‘राजनयिक मानदंडों का उल्लंघन’’ किया है। इसके आरोप में बांग्लादेश ने अमेरिका और ब्रिटेन समेत 13 देशों के राजदूतों के समक्ष बुधवार को अपनी नाराजगी का इजहार किया। वजह यह है कि इन देशों ने ढाका में संसदीय उपचुनाव में एक निर्दलीय उम्मीदवार पर हमले की निंदा करते एक संयुक्त बयान जारी किया था, जिसके बाद बांग्लादेश ने यह कदम उठाया है।

ढाका में अमेरिकी दूतावास ने बनानी में एक मतदान केंद्र में ढाका-17 निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार हीरो आलम के नाम से मशहूर अशर्फुल आलम पर कथित तौर पर सत्तारूढ़ आवामी लीग के समर्थकों द्वारा हमले के बाद 12 अन्य पश्चिमी देशों के साथ 17 जुलाई को एक संयुक्त बयान जारी किया था। बांग्लादेश के विदेश मामलों के मंत्री शहरयार आलम ने राजदूतों के साथ बैठक के बाद कहा, ‘‘हमने ढाका-17 निर्वाचन क्षेत्र में एक निर्दलीय उम्मीदवार (उपचुनाव का) से जुड़ी 17 जुलाई की अवांछित घटना को लेकर राजनयिक मानदंडों तथा प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर मीडिया में संयुक्त बयान जारी करने वाले राजूदतों को तलब किया।

इन देशों ने जारी किया था संयुक्त बयान

बांग्लादेश के अनुसार अमेरिका और ब्रिटेन समेत 13 देशों ने उसके निजी मामलों में हस्तक्षेप किया है। जो कि किसी भी परिस्थिति में उचित नहीं है। शहरयार आलम ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने राजनयिक शालीनता से परे उनके व्यवहार पर अप्रसन्नता जाहिर की।’’ बांग्लादेश में अमेरिका, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, नॉर्वे, स्पेन, स्वीडन, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और स्विट्जरलैंड के राजदूतों ने संयुक्त बयान जारी किया था। इसलिए इन सभी देशों के राजदूतों को तलब करके अपनी नाराजगी से अवगत करा दिया गया है। ताकि वह भविष्य में इसका ध्यान रखें। (भाषा)

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