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Hindi News विदेश एशिया बांग्लादेश: पूर्व PM खालिदा जिया जेल से होंगी रिहा, राष्ट्रपति ने दिया आदेश, आर्मी ने कहा- सुबह तक सब ठीक होगा

बांग्लादेश: पूर्व PM खालिदा जिया जेल से होंगी रिहा, राष्ट्रपति ने दिया आदेश, आर्मी ने कहा- सुबह तक सब ठीक होगा

बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने जमकर हंगामा किया है, जिसकी वजह से शेख हसीना को न केवल इस्तीफा देना पड़ा बल्कि बांग्लादेश छोड़कर जाना पड़ा है। इस दौरान राष्ट्रपति ने एक बड़ा फैसला लिया है।

Khaleda Zia - India TV Hindi Image Source : FILE पूर्व PM और विपक्षी नेता खालिदा जिया

ढाका: बांग्लादेश में मचे हंगामे के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। राष्ट्रपति ने जेल में बंद पूर्व PM और विपक्षी नेता खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया है। इसके अलावा सेना की तरफ से एक और बड़ा अपडेट सामने आया है। सेना ने कहा है कि बांग्लादेश में मंगलवार सुबह कर्फ्यू खत्म हो जाएगा। स्कूल और व्यवसाय फिर से खुलेंगे।

शेख हसीना के बेटे का बयान भी आया सामने

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने सोमवार को कहा कि उनकी मां अब राजनीति में नहीं लौटेंगी। हसीना के पूर्व आधिकारिक सलाहकार रहे जॉय ने कहा कि उनकी मां ने परिवार के आग्रह पर अपनी सुरक्षा के लिए देश छोड़ दिया। हसीना (76 वर्ष) ने अपनी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बीच इस्तीफा दे दिया और लंदन के लिये रवाना हो गईं। 

‘बीबीसी वर्ल्ड सर्विस’ पर ‘न्यूजआवर’ को दिए एक इंटरव्यू में जॉय ने कहा कि उनकी मां की कोई राजनीतिक वापसी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हसीना रविवार से ही इस्तीफा देने पर विचार कर रही थीं और परिवार के आग्रह के बाद अपनी सुरक्षा के लिए देश छोड़कर चली गईं। 

खबर के मुताबिक, जॉय ने कहा कि 15 साल तक बांग्लादेश पर शासन करने वालीं उनकी मां बहुत निराश थीं कि उनकी इतनी मेहनत के बाद भी लोग उनके खिलाफ उठ खड़े हुए। हसीना की निराशा को अभिव्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, 'उन्होंने बांग्लादेश को बदल दिया है। जब उन्होंने सत्ता संभाली थी, तो इसे एक असफल राष्ट्र माना जाता था। यह एक गरीब देश था। लेकिन आज इसे एशिया के उभरते देशों में से एक माना जाता था। वह बहुत निराश हैं।'

बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में रविवार को हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग समर्थकों के बीच टकराव हो गया। यह टकराव पुलिस और ज्यादातर छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों में 200 से अधिक लोगों के मारे जाने के कुछ दिनों बाद हुआ। देश में एक पखवाड़े के भीतर कम से कम 300 लोग मारे गए हैं। प्रदर्शनकारियों से निपटने में सरकार द्वारा बहुत सख्ती बरतने के आरोपों को खारिज करते हुए जॉय ने कहा, 'पुलिसकर्मियों को पीट-पीटकर मार डाला गया है, केवल कल ही 13 की मौत हुई। जब भीड़ लोगों को पीट-पीटकर मार रही हो, तो आप पुलिस से क्या उम्मीद करते हैं?' (इनपुट:भाषा से भी)

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