ढाका: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ऐतिहासिक श्री रमणा काली मंदिर का ढाका में शुक्रवार को उद्घाटन किया और इसे भारत तथा बांग्लादेश के लोगों के बीच सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक जुड़ाव का प्रतीक बताया। वर्ष 1971 में पाकिस्तानी सेना ने इस मंदिर को ध्वस्त कर दिया था जिसके बाद इसका जीर्णोद्धार किया गया है। कोविंद बांग्लादेश के राष्ट्रपति एम. अब्दुल हामिद के निमंत्रण पर अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर ढाका आए हैं। वह 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी की स्वर्ण जयंती समारोह में हिस्सा ले रहे हैं।
राष्ट्रपति और प्रथम महिला सविता कोविंद ने जीर्णोद्धार किए गए मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। बांग्लादेश के धार्मिक मामलों के कनिष्ठ मंत्री फरीदुल आलम खान ने मंदिर के पुजारियों के साथ राष्ट्रपति, प्रथम महिला और उनकी बेटी स्वाति का स्वागत किया तथा वे लगभग 30 मिनट तक कार्यक्रम स्थल पर रुके। मंदिर के प्रवक्ता ने कहा, ‘भारत के राष्ट्रपति ने मंदिर के विस्तारित हिस्से का उद्घाटन किया, पूजा-अर्चना की और मंदिर का संचालन करने वालों को बधाई दी।’
राष्ट्रपति की यात्रा से अवगत एक पुजारी ने कहा, ‘राष्ट्रपति कोविंद और उनके परिवार के सदस्यों ने मंदिर के जीर्णोद्धार किए गए हिस्से में पूजा-अर्चना की।’ ढाका के बीचों-बीच बने इस मंदिर को ‘ऑपरेशन सर्चलाइट’ के तहत 1971 में पाकिस्तानी सेना ने पूरी तरह से तोड़ दिया था। कुछ खबरों के अनुसार, मंदिर को आग लगा दी गयी थी और इस घटना में श्रद्धालुओं तथा मंदिर में रहने वाले तमाम लोग मारे गए थे। पाकिस्तानी सेना ने 25 मार्च 1971 की रात और उसके बाद के दिनों में रमणा काली मंदिर सहित कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में आग लगा दी थी।
भारत ने मंदिर के जीर्णोद्धार में मदद की है। मंदिर का उद्धाटन करने के बाद भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा कि वह इसे ‘मां काली के आर्शीवाद के तौर पर देखते हैं।’ उन्होंने कहा,‘आज सुबह, मैं ऐतिहासिक श्री रमणा काली मंदिर गया, जहां मुझे उसका उद्धाटन करने का सौभाग्य मिला। मैं इसे मां काली के आर्शीवाद के तौर पर देखता हूं। मुझे बताया गया है भारत और बांग्लादेश की सरकारों तथा लोगों ने इस मंदिर के जीर्णोद्धार में मदद की, जिसे पाकिस्तानी सेना ने मुक्ति संग्राम के दौरान ध्वस्त कर दिया था।’
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि उस दौरान कई लोग मारे गए थे। राष्ट्रपति ने कहा कि यह मंदिर भारत और बांग्लादेश के लोगों के बीच सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक जुड़ाव का प्रतीक है। उन्होंने कहा, ‘यह मेरी बांग्लादेश यात्रा के शुभ समापन का प्रतीक है।’ रमणा काली बाड़ी को ढाका की एक ऐतिहासिक धरोहर माना जाता है, क्योंकि यह सदियों पुरानी है, हालांकि इसका आकार एवं रूप 20वीं शताब्दी की शुरुआत में काफी बदल गया था। मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में 10 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की है। देश की कुल आबादी 16.9 करोड़ है।
Latest World News