ढाका: बांग्लादेश में हुई व्यापक हिंसा के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। इस बीच सत्तारूढ़ अवामी लीग के एक शीर्ष पदाधिकारी ने कहा है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर हाल में हुए छात्रों के देशव्यापी हिंसक प्रदर्शन में मारे गए लोगों के परिवारों की जिम्मेदारी लेंगी। अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर ने यहां पार्टी के वार्ड नेताओं के साथ समन्वय बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जांच के लिए एक समिति गठित की गई है और हर दोषी को सजा दिलाई जाएगी।’’
छात्रों की हुई मौत
ढाका और अन्य शहरों में विश्वविद्यालय के छात्रों ने 1971 में बांग्लादेश के ‘मुक्ति संग्राम’ के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों को आरक्षित करने की प्रणाली के खिलाफ प्रदर्शन किया था, जिसने हिंसक रूप ले लिया था। हिंसा में कई लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें छात्र भी शामिल हैं। कुछ खबरों के अनुसार मृतकों की संख्या 184 तक पहुंच गई है।
पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है पार्टी
अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर ने कहा कि प्रधानमंत्री हसीना हाल में देशव्यापी प्रदर्शन के दौरान हिंसा की घटनाओं में मारे गए लोगों के परिवारों की जिम्मेदारी लेंगी। परिवहन मंत्री कादर ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी ने आरक्षण प्रणाली में सुधार के आंदोलन को केंद्र में रखकर आगजनी की। उन्होंने कहा कि अवामी लीग मृतकों और घायलों के परिवारों के साथ खड़ी रहेगी।
सामान्य हो रहे हालात
बांग्लादेश में हिंसा के दौर के बाद अब देश में इंटरनेट उपयोग और कार्यालयों के समय को सीमित कर दिया गया है। देश के अधिकांश हिस्सों में इंटरनेट शुरू नहीं किया गया। कर्फ्यू में सात घंटे की ढील दी गई, जिसके बाद सड़कों पर हजारों गाड़ियां नजर आईं। बांग्लादेश में बुधवार को कार्यालय और बैंक कुछ घंटों के लिए खोले गए, जबकि अधिकारियों ने ढाका और दूसरे सबसे बड़े शहर चटगांव के कुछ इलाकों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट बहाल कर दिया। (भाषा)
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